स्टॉक मार्केट में जयेश लॉजिस्टिक्स की कमजोर शुरुआत, लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट

03 Nov 2025 11:07:00
जयेश लॉजिस्टिक्स की कमजोर लिस्टिंग के बाद लगा लोअर सर्किट


नई दिल्ली, 03 नवंबर (हि.स.)। भारत और इसके पड़ोसी देशों में लॉजिस्टिक सर्विस मुहैया कराने वाली कंपनी जयेश लॉजिस्टिक्स के शेयरों ने आज स्टॉक मार्केट में कमजोर एंट्री करके अपने आईपीओ निवेशकों को निराश कर दिया। आईपीओ के तहत कंपनी के शेयर 122 रुपये के भाव पर जारी किए गए थे। आज एनएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म पर इसकी लिस्टिंग करीब 1.64 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ 120 रुपये के स्तर पर हुई। लिस्टिंग के बाद बिकवाली का दबाव बन जाने के कारण थोड़ी देर में ही ये शेयर गिर कर 114 रुपये के लोअर सर्किट लेवल पर पहुंच गया। इस तरह पहले दिन के कारोबार में ही कंपनी के आईपीओ निवेशकों को 6.56 प्रतिशत का नुकसान हो गया।

जयेश लॉजिस्टिक्स का 28.63 करोड़ रुपये का आईपीओ 27 से 29 अक्टूबर के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों की ओर से शानदार रिस्पॉन्स मिला था, जिसके कारण ये ओवरऑल 65.59 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इनमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए रिजर्व पोर्शन 40.86 गुना सब्सक्राइब हुआ था। वहीं नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एनआईआई) के लिए रिजर्व पोर्शन में 138.75 गुना सब्सक्रिप्शन आया था। इसी तरह रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व पोर्शन 51.79 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ के तहत 10 रुपये फेस वैल्यू वाले 23.47 लाख नए शेयर जारी किए गए हैं। आईपीओ के जरिये जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल कंपनी साइड वॉल ट्रेलर्स की खरीदारी करने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।

कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 1.09 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 3.16 करोड़ रुपये और 2024-25 में उछल कर 7.20 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 60.37 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 88.30 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 112.03 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 2.02 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ। इसी तरह इस अवधि में कंपनी को 25.25 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

इस अवधि में कंपनी के कर्ज में भी लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 12.19 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 27.10 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 27.99 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर लदे कर्ज का बोझ 29.65 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया।

इस दौरान कंपनी के रिजर्व और सरप्लस में भी बढ़ोतरी हुई। ये वित्त वर्ष 2022-23 में ये 4.30 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 7.46 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का रिजर्व और सरप्लस 10.99 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 13.01 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया।

इसी तरह ईबीआईटीडीए (अर्निंग बिफोर इंट्रेस्ट, टैक्सेज, डिप्रेशिएशंस एंड एमॉर्टाइजेशन) 2022-23 में 4.78 करोड़ रुपये के स्तर पर था, जो 2023-24 में बढ़ कर 10.40 करोड़ रुपये हो गया। इसी तरह 2024-25 में कंपनी का ईबीआईटीडीए 16.93 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 तक ये 4.30 करोड़ रुपये के स्तर पर रहा।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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