
- विदेश मंत्री गिदोन सा'आर ने कहा, कट्टरपंथी आतंकवाद इजराइल और भारत के लिए पारस्परिक खतरा
नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स.)। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने आज नई दिल्ली में इजराइल के विदेश मंत्री गिदोन सा'आर से वार्ता की। दोनों मंत्रियों ने भारत-इज़राइल रणनीतिक साझेदारी के संपूर्ण आयाम पर उपयोगी और विस्तृत चर्चा की। दोनों नेताओं ने आतंकवाद को साझा चुनौती के रूप में स्वीकारा। विदेश मंत्री ने गाजा शांति योजना के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया और कहा कि अगले साल फरवरी में भारत में होने वाले एआई इम्पैक्ट समिट का जिक्र करते हुए कहा कि इजराइल की उपस्थिति का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सा'आर ने भारत की दो दिवसीय यात्रा की। विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी पहली भारत यात्रा है। वार्ता के दौरान दोनों नेताओं ने राजनीति, सुरक्षा, कृषि, व्यापार और निवेश, रक्षा और लोगों के बीच संबंधों के साथ-साथ महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, सेमीकंडक्टर, साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता सहित विभिन्न क्षेत्रों में चल रहे सहयोग की भी समीक्षा की। आतंकवाद की साझा चुनौती पर दोनों मंत्रियों ने इसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य-सहिष्णुता के वैश्विक दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने की पुष्टि की।
विदेश मंत्री सा'आर ने पश्चिम एशिया और खाड़ी के घटनाक्रमों पर इज़राइल के दृष्टिकोण और विचारों को साझा किया। विदेश मंत्री ने गाजा शांति योजना के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया, बंधकों की वापसी का स्वागत किया और आशा व्यक्त की कि शांति योजना एक स्थायी और दीर्घकालिक समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी।
दोनों मंत्रियों ने अन्य वैश्विक विकासों और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की। विदेश मंत्री और विदेश मंत्री सा'आर की उपस्थिति में सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस और इज़राइल के विदेश मंत्रालय के बीच प्रशिक्षण पर समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान हुआ। इस यात्रा के दौरान विदेश मंत्री सा'आर ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ भी बैठक की और हाइफ़ा चौक स्मारक का दौरा किया।
इससे पहले विदेश मंत्री ने उनके साथ वार्ता में अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि भारत और इजराइल के बीच एक रणनीतिक साझेदारी है और हमने उच्च स्तर के विश्वास और विश्वसनीयता के साथ एक रिश्ता बनाया है। उन्होंने कहा कि दोनों राष्ट्र आतंकवाद की एक विशेष चुनौती का सामना कर रहे हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के प्रति शून्य-सहिष्णुता के वैश्विक दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने की दिशा में काम करें।
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात का जिक्र किया कि भारत मध्यपूर्व की स्थिति पर बहुत बारीकी से नज़र बनाये हुए है। उन्होंने बंधकों और दुर्भाग्य से जान गंवाने वालों के पार्थिव अवशेष वापस आने का स्वागत किया। साथ ही दोहराया कि भारत गाजा शांति योजना का समर्थन करता है और आशा करता है कि यह एक स्थायी और सतत समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगी। विदेश मंत्री ने देश में उपलब्ध निवेश के अवसरों का उल्लेख किया और कहा कि भारत ने विशेष रूप से रेल, सड़क और बंदरगाह अवसंरचना, नवीकरणीय ऊर्जा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई क्षमताएँ विकसित की हैं। हमारे व्यवसाय इज़राइल में अवसरों का पता लगाने के लिए बहुत उत्सुक हैं और हम निश्चित रूप से इस पर अधिक ध्यान देना चाहेंगे।---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा