( राउंडअप )अमेरिकी प्रांतीय चुनावाें में डेमोक्रेट्स का दबदबा

05 Nov 2025 19:04:00
डेमाेक्रेटस और रिपब्लिकन पार्टी के 'लाेगाे'


वाशिंगटन, 5 नवंबर, (हि. स.)। अमेरिका में मंगलवार काे संपन्न हुए पहले चरण के प्रांतीय चुनावाें मे डेमोक्रेट्स की जीत राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए करारा झटका साबित हुई है।

न्यूयार्क में 34 वर्षीय जाेहरान मामदानी ने पहले मुस्लिम और भारतीय मूल का मेयर बनकर इतिहास रचा हैं वहीं डेमाक्रेट एबीगैल स्पैनबर्जर ने वर्जीनिया और मिकी शेरिल ने न्यू जर्सी में गवर्नर पद के चुनावाें में जीत हासिल की है। मामदानी ने करीब 52 प्रतिशत मत हासिल करके, पूर्व गवर्नर एंड्र्यू कुओमो (28%) और रिपब्लिकन कर्टिस स्लिया काे हराया। युगांडा में जन्मे भारतीय मूल के मामदानी की मां भारत की मशहूर फिल्मकार मीरा नायर हैं और उनके पिता मोहम्मद मामदानी गुजराती मुस्लिम हैं जिनका जन्म मुंबई में हुआ था और वह युगांडा में जाने माने विद्धान शिक्षाविद हैं। मीरा नायर पंजाबी परिवार से आतीं हैं जिनका जन्म राउरकेला में हुआ और परवरिश भुवनेश्वर में हुई है।

पेंसिल्वेनिया में फिलाडेल्फिया में चेरेले पार्कर (डेम, मौजूदा) 58% मताें के साथ पुनर्निर्वाचित हुए हैं। उन्हाेंने रिपब्लिकन डेविड ओह काे हराया।मैसाचुसेट्स में बाेस्टन में माैजूदा डेमाेक्रेट मिशेल वू ने 54 प्रतिशत मत हासिल कर जोश क्राफ्ट पर जीत हासिल की। पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में माैजूदा डेमाेक्रेट एड गेनी ने 51% मत हासिल कर कोरी ओ’कॉनर को हराया।

देश के दक्षिणी राज्याें में टेक्सास में सैन एंटोनियो में माैजूदा स्वतंत्र उम्मीदवार रॉन निरेनबर्ग ने 56 प्रतिशत मत प्राप्त कर रोलैंडो पाब्लोस (रिप) पर जीत हासिल कर दाेबारा सत्ता हासिल की । जॉर्जिया में अटलांटा में माैजूदा डेमाेक्रेट आंद्रे डिकेंस ने एश्ले ब्राउन (रिप) को हराया। टेक्सास में ह्यूस्टन में माैजूदा डेमाक्रेट जॉन व्हिटमायर 52% मताें के साथ अमांडा एडवर्ड्स पर जीते।

डेट्रॉइट मेंं माैजूदा डेमाेक्रेट माइक डगन 62% मताें से जेम्स क्रेग (रिप) पर आसानी से जीते। इलिनॉय में शिकागो में माैजूदा डेमाेक्रेट ब्रैंडन जॉनसन ने कांटे की टक्कर में पॉल वलास के खिलाफ जीत हासिल की ।

ओहायाें में क्लीवलैंड में माैजूदा डेमाेक्रेट जस्टिन बिब 55% मताें से ला्टोया वेस्टब्रुक के खिलाफ जीते।

ओरेगन में पाेर्टलैंड में कीथ विल्सन ने टेड व्हीलर को हराकर जीत दर्ज की।

वाशिंगटन में सिएटल में माैजूदा डेमाेक्रेट ब्रूस हैरेल पुनर्निर्वाचित हुए। एरिजोना में फीनिक्स में माैजूदा डेमाेक्रेट केट गैलेओ 59% से जिम वेयरिंग (रिप) पर जीतीं। कैलिफोर्निया में लॉस एंजिल्स में माैजूदा डेमाेक्रेट करेन बास 53% मताें के साथ रिक कारुसो पर जीती। ओक्लाहोमा में ओक्लाहोमा सिटी से माैजूदा रिपब्लिकन उम्मीदवार डेविड हॉल्ट 61% मताें के साथ से कॉनर वॉलिस (डेम) पर पुनर्निर्वाचित, फ्लोरिडा में मियामी में माैजूदा रिपब्लिकन फ्रांसिस सुआरेज ने 54% मताें के साथ स्टीव सोलोवे पर जीत हासिल की।

कोलोराडो में डेनवर में माैजूदा डेमाेक्रेट माइक जॉनस्टन 56% से केली ब्रॉग से जीते।

इन नतीजों के मुताबिक डेमोक्रेट्स ने तेज़ी से बढ़ते उपनगरों, ग्रामीण इलाकों और यहाँ तक कि सैन्य मतदाताओं वाले क्षेत्राें में चार साल पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। पार्टी उम्मीदवाराें ने कुछ 'अति-वामपंथी' नीतियों से खुद को सक्रिय रूप से दूर रखते हुए ही ये जीत हासिल की और स्पैनबर्गर ने अपने विजय भाषण में इसे पक्षपात पर व्यावहारिकता की विजय बताया।

इन चुनावाें में डेमोक्रेट् उम्मीदवाराें ने आम जनता से जुड़े मसलाें काे चुना जिसमें राेजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं, ऊर्जा और स्वास्थ्य सेवा जैसी बढ़ती लागत पर ध्यान केंद्रित किया गया और जिनपर काबू पाने के लिए ट्रम्प संघर्ष कर रहे हैं।

आर्थिक मुद्दों पर मध्यमार्गी रुख अपनाने के अलावा, स्पैनबर्गर और शेरिल ने प्रगतिशील प्राथमिकताओं,के प्रति अपने समर्थन को कम ही दिखाया। इनमें 'एलजीबीटीक्यू' अधिकार और अमेरिकी संस्थानों पर ट्रंप के हमले का विरोध जैसे मसले शामिल हैं।

ट्रंप और उनके रिपब्लिकन सहयोगी विशेष रूप से आव्रजन, अपराध और रूढ़िवादी सांस्कृतिक मुद्दों पर केंद्रित रहे ।

लेकिन मंगलवार के प्रमुख चुनावों का फैसला करने वाले मतदाता अर्थव्यवस्था, नौकरियों और जीवन यापन की लागत को लेकर ज़्यादा चिंतित थे। एक सर्वेक्षण के मुताबिक कई मतदाताओं को लगता है कि वे वर्तमान अर्थव्यवस्था में आर्थिक रूप से आगे नहीं बढ़ सकते।

ट्रंप के शासन के दाैरान उनकी आर्थिक चिंताएँ 2025 में उनकी पार्टी के राजनीतिक लक्ष्यों को कमज़ोर करती दिख रही हैं और अगले साल होने वाले मध्यावधि चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के लिए और भी ज़्यादा समस्याएँ खड़ी कर सकती हैं, जो ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी दो सालों के लिए शक्ति संतुलन तय करेंगे

ट्रंप के राष्ट्रपति पद पर लौटने के बाद यह पहला चुनाव था और मतदाताओं ने वर्जीनिया और पेंसिल्वेनिया से लेकर मेन और न्यू जर्सी तक उनकी रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े उम्मीदवारों और उनके समर्थकों को नकार दिया। दरअसल, ट्रंप की पार्टी की किसी भी महत्वपूर्ण जीत की ओर इशारा करना मुश्किल था।

मतदाताओं ने ट्रंप के नेतृत्व में देश की दिशा के बारे में भी गहरी चिंता जताई हैं। राष्ट्रपति ट्रंप चुनाव प्रचार अभियान से ज़्यादातर अनुपस्थित रहे। परिणाम आने के बाद ट्रंप ने रक्षात्मक मुद्रा अपनाते हुए चुनाव परिणामों से खुद को दूर रखने की कोशिश की।

राष्ट्रपति ने न्यू जर्सी में अपनी ओर से केवल दो टेली-टाउन हॉल आयोजित किए, जिनमें से एक सोमवार रात को हुआ। ट्रम्प ने सोमवार रात वर्जीनिया के रिपब्लिकन उम्मीदवारों के लिए एक टेली-टाउन हॉल भी किया, लेकिन उन्होंने ज़्यादातर अटॉर्नी जनरल पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार के पक्ष में बात की, जो हार गए हैं।

ट्रम्प की दूरी के बावजूद, उनकी नीतियों — जिनमें उनका बिग ब्यूटीफुल बजट विधेयक और संघीय कर्मचारियों में भारी कटौती शामिल है — ने वर्जीनिया, न्यू जर्सी और यहाँ तक कि न्यूयॉर्क शहर के मेयर पद के चुनाव में भी केंद्रीय भूमिका निभाई। नतीजों के बावजूद, राष्ट्रपति दोषारोपण से बचते रहे।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया, मैं चुनाव नहीं लड़ रहा था, और शटडाउन, दो कारण थे जिनकी वजह से रिपब्लिकन आज रात चुनाव हार गए।

इस बीच इन नतीजाें के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के भविष्य पर बहस अभी शुरू ही हुई है। ऐसे संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था — खासकर, पिछले साल में वादा किए गए आर्थिक बदलाव को पूरा करने में ट्रंप की असमर्थता, अगले साल होने वाले उच्च-दांव वाले मध्यावधि चुनावों में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए एक बड़ी समस्या बन सकते हैं।

इस बीच

डेमोक्रेट्स उम्मीद कर रहे हैं कि साल के आखिर में होने वाले चुनावों में यह शानदार प्रदर्शन रिपब्लिकन के लिए नयी चुनौती पेश करेगा, लेकिन कुछ सावधानी बरतनी ज़रूरी हो सकती है। मंगलवार के चुनाव कुछ ही राज्यों तक सीमित थे, जिनमें से ज़्यादातर राज्यों का झुकाव डेमाेक्रेटिक पार्टी या नीले रंग की ओर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल

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