छत्तीसगढ़ में विकास और विश्वास ने भय और हिंसा का स्थान लियाः सी.पी. राधाकृष्णन

05 Nov 2025 23:08:01
उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन की उपस्थिति में  छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का समापन


छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह में उपस्थित मंत्री एवं नागरिक


-छत्तीसगढ़ सहभागी विकास और जन-प्रेरित परिवर्तन का प्रतीक

रायपुर, 05 नवंबर (हि.स.)। उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने आज नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए। यह आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें राज्य की विकास, प्रगति और सांस्कृतिक समृद्धि की प्रेरक यात्रा का जश्न मनाया गया।इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास और विश्वास ने भय और हिंसा का स्थान लिया है।

उपराष्ट्रपति ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, इस ऐतिहासिक रजत जयंती समारोह में छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ शामिल होने पर अपार प्रसन्नता व्यक्त की जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। इस पाँच दिवसीय महोत्सव में लोगों ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध संस्कृति और इसके प्रभावशाली सामाजिक-आर्थिक बदलाव की झलक देखी।

उपराष्ट्रपति ने 01 नवम्बर 2000 को राज्य के निर्माण में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के दूरदर्शी नेतृत्व को गर्व से याद किया और एक पूर्व लोकसभा सांसद के रूप में अपने जुड़ाव को व्यक्तिगत तौर पर प्रकट किया, जब उन्होंने राज्य पुनर्गठन विधेयक का समर्थन किया था। उन्होंने छत्तीसगढ़ की असाधारण 25 साल की यात्रा की सराहना की - भारत के सबसे युवा राज्यों में से एक होने से लेकर सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक क्षेत्रों में प्रगति के एक मॉडल के रूप में उभरने तक।

सी.पी. राधाकृष्णन ने नक्सलवाद के खतरे को खत्म करने में राज्य की सफलता की सराहना की और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ नेतृत्व के साथ-साथ राज्य सरकार, सुरक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के समर्पित प्रयासों को दिया।

उपराष्ट्रपति ने राज्य की अनुकरणीय सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विशेष रूप से सराहना की, जो 72 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क खाद्यान्न प्रदान करती है, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को बधाई दी।

सी.पी. राधाकृष्णन ने राज्य की प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए आदिवासी समुदायों को सम्मान दिया। उन्होंने आदिवासी समुदायों की बुद्धिमत्ता, संस्कृति और सतत जीवन शैली की सराहना की।

उपराष्ट्रपति ने राज्य में उल्लेखनीय बुनियादी ढांचे के विकास पर भी प्रकाश डाला, जिसमें व्यापक सड़क, रेल, एक्सप्रेसवे और हवाई अड्डे की कनेक्टिविटी शामिल है, जिसने सुदूरवर्ती जिलों को राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा है। उन्होंने नवा रायपुर की भारत के पहले ग्रीनफील्ड शहर के रूप में प्रशंसा की, जो आईटी हब, फार्मा हब, एआई डेटा सेंटर पार्क और उन्नत स्वास्थ्य सेवा के लिए एक विश्वस्तरीय मेडिसिटी जैसी नई-पुरानी पहलों के माध्यम से एक वैश्विक क्षमता केन्द्र बनने के लिए तैयार है।

उन्होंने अंजोर विज़न @2047 के अंतर्गत सेमीकंडक्टर निर्माण और डिजिटल शासन सुधारों सहित उभरती प्रौद्योगिकियों को अपनाने वाले छत्तीसगढ़ के प्रयासों को रेखांकित किया, जिसका उद्देश्य आर्थिक विस्तार, मानव विकास और स्थायी शासन को बढ़ावा देना है, जो एक विकसित भारत की राष्ट्रीय कल्पना के अनुरूप है।

छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परम्पराओं की प्रशंसा करते हुए, उपराष्ट्रपति ने क्षेत्र के पारंपरिक नृत्यों जैसे पंथी और कर्मा, और इसकी समृद्ध आदिवासी कलाओं और शिल्प की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विविधता में एकता की भारतीय भावना का प्रतीक है, जहाँ सांस्कृतिक संरक्षण और आधुनिकीकरण साथ-साथ चलते हैं।

अपने संबोधन के समापन पर, उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ के युवाओं से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हरित प्रौद्योगिकियों और वैश्विक बाज़ारों में उभरते अवसरों का लाभ उठाने और साहस, रचनात्मकता और करुणा के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा कि रजत महोत्सव को केवल अतीत के उत्सव के रूप में नहीं, बल्कि भविष्य के लिए एक प्रतिज्ञा के रूप में देखा जाना चाहिए - एक विकसित छत्तीसगढ़ के माध्यम से एक विकसित भारत के निर्माण, लोकतंत्र को मजबूत करने, संस्कृति का सम्मान करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल कल छोड़ने की प्रतिज्ञा।

छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका; मुख्यमंत्री विष्णु देव साय,छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ रमन सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहेे।

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा

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