प्रधानमंत्री कार्की की नियुक्ति के खिलाफ दायर रिट पर संवैधानिक पीठ में सुनवाई आज

05 Nov 2025 12:30:01
नेपाल का सुप्रीम कोर्ट


काठमांडू, ०5 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री के रूप में सुशीला कार्की की नियुक्ति असंवैधानिक बताकर दायर रिट पर सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ में सुनवाई आज की जा रही है। बुधवार को यह मामला प्रधान न्यायाधीश प्रकाशमान सिंह राउत की अध्यक्षता में गठित संवैधानिक पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया गया है। इस पीठ में न्यायाधीश सपना प्रधान मल्ल, हरिप्रसाद फुयाल, मनोजकुमार शर्मा और सारंगा सुवेदी शामिल हैं।

जेनजी आन्दोलन के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया था, जिसके विरोध में अधिवक्ता डॉ. पुण्यप्रसाद खतिवड़ा ने दो दिन पहले यह रिट दायर की थी। खतिवड़ा ने अपने रिट में उल्लेख किया है कि वर्तमान संविधान के अनुसार कोई भी पूर्व प्रधान न्यायाधीश प्रधानमंत्री नहीं बन सकता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति ने संविधान का पालन नहीं किया और इस संवैधानिक संकट की स्थिति में नेपाली सेना भी जिम्मेदार है।

रिट में राजनीतिक दलों के साथ-साथ राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष नारायणप्रसाद दाहाल और प्रतिनिधि सभा के सभामुख देवराज घिमिरे को भी प्रतिवादी बनाया गया है। रिट याचिका में कहा गया है कि राष्ट्रपति ने 12 सितंबर को प्रधानमंत्री नियुक्त की गईं सुशीला कार्की को धारा 80 के तहत शपथ दिलाई, जबकि उनकी नियुक्ति संविधान की धारा 76 और 132 (2) का सीधा उल्लंघन है, इसलिए यह नियुक्ति स्वतः निरस्त मानी जानी चाहिए।

याचिका में यह भी दलील दी गई है कि राष्ट्रपति को किसी भी प्रकार की “बाधा-अड़चन दूर करने” की संवैधानिक शक्ति प्राप्त नहीं है। संविधान 2072 (2015) में राष्ट्रपति को ऐसा कोई विशेषाधिकार नहीं दिया गया है कि वे किसी बाधा को दूर करने, किसी अनुच्छेद को निलंबित करने या उल्लंघन करने का अधिकार प्रयोग कर सकें। रिट में आगे कहा गया है कि संविधान की धारा 305 के तहत ‘बाधा-अड़चन दूर करने’ के अधिकार का प्रयोग करने की समयसीमा पहले ही समाप्त हो चुकी है। ऐसे में “आवश्यकता के सिद्धांत” का सहारा लेना भी न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास

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