
मुंबई, 06 नवंबर (हि.स.)। कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री से दुखद खबर सामने आई है। सुपरस्टार यश की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'केजीएफ' में चाचा का यादगार किरदार निभाकर दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले वरिष्ठ अभिनेता हरीश राय का निधन हो गया है। 63 वर्षीय हरीश राय लंबे समय से थायराइड कैंसर से जूझ रहे थे। बुधवार को उन्होंने बेंगलुरु के किदवई अस्पताल में आखिरी सांस ली। उनकी मौत से मनोरंजन जगत में गहरा शोक छा गया है।
लंबी बीमारी से जूझ रहे थे हरीश राय
रिपोर्ट्स के अनुसार, अभिनेता हरीश राय को कुछ समय पहले थायराइड कैंसर का पता चला था। इलाज के बावजूद बीमारी धीरे-धीरे उनके शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गई थी, खासकर पेट तक। कैंसर की गंभीरता के चलते उनका वजन तेजी से घटने लगा और उनका शरीर दिन-ब-दिन कमजोर होता चला गया। परिवार और करीबी दोस्तों के मुताबिक, हरीश ने आखिरी वक्त तक हिम्मत नहीं हारी, लेकिन बीमारी ने अंततः उन्हें मात दे दी। हरीश राय के निधन की खबर फैलते ही पूरी कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री शोक में डूब गई। उनके सहकर्मी और प्रशंसक सोशल मीडिया पर लगातार उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। अभिनेता के चाहने वालों ने उन्हें 'सादगी और समर्पण का प्रतीक' बताया।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री ने जताया शोक
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने अभिनेता को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, कन्नड़ सिनेमा के प्रसिद्ध खलनायक अभिनेता हरीश रॉय का निधन अत्यंत दुखद है। कैंसर से पीड़ित उनके निधन से फिल्म जगत को गहरा सदमा पहुंचा है। उनकी आत्मा को शांति मिले।
यादगार फिल्मों की विरासत
हरीश राय ने अपने करियर में कई हिट फिल्मों में अभिनय किया। 'राज बहादुर', 'संजू वेड्स गीता' और 'भूगत' जैसी फिल्मों में उनके दमदार किरदारों ने दर्शकों को खूब प्रभावित किया। हालांकि, उन्हें असली पहचान 'केजीएफ' सीरीज़ में यश के चाचा के रूप में मिली। फिल्म में उनका किरदार छोटा होने के बावजूद बेहद असरदार था, जिसने दर्शकों पर गहरी छाप छोड़ी।
एक सादगीभरा कलाकार, जो अमर रहेगा यादों में
हरीश राय को उनके सहकर्मी एक मेहनती, अनुशासित और जमीन से जुड़े कलाकार के रूप में याद कर रहे हैं। उनका जाना कन्नड़ सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है। प्रशंसक और फिल्म जगत से जुड़े लोग मानते हैं कि 'केजीएफ' में निभाए गए उनके किरदार की तरह ही, हरीश राय की यादें भी हमेशा सिनेमा प्रेमियों के दिलों में
जिंदा रहेंगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / लोकेश चंद्र दुबे