सनातन एकता पदयात्रा हिन्दुओं को जागृत करने के लिए, किसी अन्य धर्म के खिलाफ नहीं : धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री

06 Nov 2025 19:16:01
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री महाराज प्रेसवार्ता करते हुए


- छतरपुर मंदिर से वृंदावन के लिए बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर की 10 दिवसीय सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का शुक्रवार से होगा शुभारंभ

नई दिल्ली, 6 नवंबर (हि.स.)। राजधानी से वृन्दावन तक की ‘सनातन एकता पदयात्रा’ निकालने जा रहे बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि उनकी यह यात्रा किसी धर्म के खिलाफ नहीं बल्कि हिंदुओं को जगाने के लिए है। हम जातिवाद में न बंटे। यह ‘जातिवाद से ऊपर राष्ट्रवाद’ की यात्रा है।

गुरुवार को कॉन्स्टिट्युशन क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि यह हिंदुओं की अगली पीढ़ी को बचाने के लिए है कि वे मुस्लिम न बनें।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग तिरंगा पर चांद देखना चाहते हैं। हम चांद पर भारत को देखना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना तभी पूर्ण होगी, जब आम जनमानस एकजुट होकर यही आवाज लगाए। हम कागजों पर हिंदू राष्ट्र नहीं बल्कि विचारों में हिंदू राष्ट्र चाहते हैं, इसलिए वृंदावन से दिल्ली नहीं बल्कि दिल्ली से वृन्दावन यह पद यात्रा निकल रही है।

उन्होंने कहा कि हम राज पीठ से धर्म पीठ तक जा रहे हैं,

जिसमें शामिल हाेने के लिए 40 हजार से अधिक पंजीयन हो चुका है।

यह यात्रा शुक्रवार सात नवंबर को छतरपुर से आरंभ होकर हरियाणा के विभिन्न शहरों, गांवों से गुजरते हुए उत्तर प्रदेश पहुंचेगी, 10 दिन की यह पदयात्रा 16 नवंबर को वृंदावन में संपन्न होगी।

उन्होंने बताया कि यह यात्रा सिख परंपरा को विशेष रूप से समर्पित रहेगी। अंतिम 10 वें दिन की यात्रा गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित रहेगी। सिख धर्मगुरुओं का सनातन को बचाने का बड़ा योगदान, बलिदान रहा है, आज हम उनकी बदौलत है।

इसलिए हम पंजाब में पगड़ी के नीचे ईसाईकरण नहीं होने देंगे। बड़ी संख्या में सिख पंथ के लोग यात्रा में शामिल होंगे।

यात्रा में ईसाई और मुस्लिम के शामिल होने के सवाल पर कहा कि यात्रा में शामिल होने से पहले घर वापसी करें। उन्होंने आगे कहा कि जरूर शामिल हो, लेकिन कायदे में रहेंगे तो फायदे में रहेंगे।

साथ ही यात्रा में ऐसे तत्वों के शामिल होने की आशंका जताई जो विवादास्पद बाते तथा दूसरे धर्म के स्थानों को निशाना बनाकर उनकी यात्रा को विवादित बना सकते हैं। ऐसे लोगों से यात्रा में शामिल लोगों तथा प्रशासन को सतर्क रहने का आग्रह किया।

बागेश्वर के पीठाधीश्वर ने कहा कि यह पहला अवसर है जब उनकी यात्रा का समर्थन इस्लाम धर्म के लोगों ने किया। फैज खान के नेतृत्व में तीन सैकड़ा से अधिक मुस्लिम समाज के लोग यात्रा में चलेंगे। विगत दिनों दिल्ली में मुस्लिम समाज के लोगों के साथ धीरेन्द्र शास्त्री ने बैठक की थी, जिसमें समाज के सभी लोगों ने उनकी यात्रा का समर्थन करते हुए साथ चलने का भरोसा दिया था। मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के माध्यम से लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है, इसलिए वे यात्रा में साथ चलेंगे।

व्यासपीठ और राजपीठ से इन विभूतियों की रहेगी उपस्थिति पदयात्रा में जगद्गुरु रामानंदाचार्य तुलसी पीठाधीश्वर पूज्य रामभद्राचार्य महाराज, मलूक पीठ से पूज्य राजेंद्र दास महाराज, दीदी मां ऋतंभरा, चिदानंद मुनि जी ऋषिकेश, स्वामी ज्ञानानंद महाराज गीता मनीषी, रमणरेती वाले महाराज, प्रख्यात कथा वाचक सुधांशु जी महाराज, बालक योगेश्वर दास महाराज बद्रीनाथ, माधव दास महाराज मोनी बाबा, राजू दास महाराज हनुमान गढ़ी, मृदुल कांत शास्त्री वृंदावन, शनि धाम से दाती महाराज, आरके पांडे जी बलदेव मंदिर, अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पं. संजीव कृष्ण ठाकुर, तन्मय वशिष्ठ गंगासभा तीर्थ पुरोहित, दिल्ली संत मंडल महामंत्री महामंडलेश्वर नवल किशोर दास महाराज के अलावा दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी, मंत्री कपिल मिश्रा सहित दिल्ली से 50 संत महात्माओं की गरिमामय उपस्थिति रहेगी। बागेश्वर महाराज ने कहा कि दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की 422 ग्राम पंचायतों के अलावा नगरों, कस्बों सहित करीब 5 करोड़ की आबादी तक यात्रा का संदेश पहुंचाने का प्रयास होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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