नितिन गडकरी ने भुवनेश्वर में भारतीय सड़क कांग्रेस के 84वें अधिवेशन का उद्घाटन किया

07 Nov 2025 18:46:01

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुणवत्तापूर्ण सड़क अवसंरचना पर दिया जोर

भुवनेश्वर, 7 नवंबर (हि.स.)। भुवनेश्वर के जनता मैदान में आज भारतीय सड़क कांग्रेस के 84वें वार्षिक अधिवेशन का भव्य उद्घाटन हुआ। यह अधिवेशन आगामी 10 नवंबर तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से 3500 से अधिक इंजीनियर, विशेषज्ञ, प्रतिनिधि, प्रदर्शक और विशिष्ट अतिथि भाग ले रहे हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अधिवेशन का उद्घाटन करते हुए कहा कि सड़क, पुल और सुरंग जैसी आधारभूत संरचनाओं पर विचार-विमर्श के लिए यह देश का सबसे बड़ा ज्ञान-साझा मंच है। उन्होंने कहा कि सड़क अवसंरचना क्षेत्र में तकनीक, अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्तमान समय सर्वश्रेष्ठ अवसर प्रदान कर रहा है।

नितिन गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए विश्वस्तरीय, गुणवत्तापूर्ण और किफायती अवसंरचना निर्माण आवश्यक है। उन्होंने निर्माण लागत को कम करते हुए टिकाऊ परियोजनाओं के लिए नई नीतियां और योजनाएं बनाने पर बल दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का सड़क नेटवर्क विश्व में अग्रणी बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। बेहतर सड़कों से उद्योग, व्यापार और रोजगार को प्रोत्साहन मिलेगा तथा आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने इंजीनियरों से नवाचार, अनुसंधान और श्रेष्ठ कार्य प्रणालियों को बढ़ावा देने का आह्वान किया।

नितिन गडकरी ने बताया कि सड़क परिवहन मंत्रालय को अब तक 2.87 लाख रुपये करोड़ का रिकॉर्ड बजट आवंटन प्राप्त हुआ है और सड़क नेटवर्क के मुद्रीकरण के माध्यम से 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक की आय संभव है। 2014 में 91,287 किमी राष्ट्रीय राजमार्ग थे, जो अब 60 फीसद बढ़कर 1,46,342 किमी तक पहुंच चुके हैं।

उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में सुधार से लॉजिस्टिक लागत 16 फीसद से घटकर 11 फीसद हो गई है, जैसा कि आईटीआई की रिपोर्ट में उल्लेख है। सड़क नेटवर्क का विस्तार देश के औद्योगिक, निर्यात और व्यापारिक क्षेत्रों को नई गति प्रदान करेगा।

वैकल्पिक ईंधन के क्षेत्र पर जोर देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन आधारित वाहनों के लिए देशभर में 10 परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से एक ओडिशा में है। एथेनॉल, मिथेनॉल, बायो-एलएनजी, सीएनजी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे ईंधनों के व्यापक उपयोग से भारत ईंधन आयातक से निर्यातक देश बनने की दिशा में अग्रसर है।

उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए सरकार विशेष बजट तैयार कर रही है और दुर्घटनाओं में घायलों की सहायता करने वाले स्वयंसेवकों को पुलिस पूछताछ से संरक्षण देने के लिए कानून भी बनाया गया है।

सड़क निर्माण के पर्यावरणीय पहलू पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए अपशिष्ट पदार्थों का पुनः उपयोग किया जा रहा है। अब तक लगभग 80 लाख टन शहरी अपशिष्ट का उपयोग सड़क निर्माण में किया जा चुका है। बायो-बिटुमेन और पुनर्चक्रित प्लास्टिक के उपयोग से सड़कों की स्थायित्व और लागत दक्षता में वृद्धि हुई है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार वर्ष 2036 तक विकसित ओडिशा और 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए मजबूत सड़क अवसंरचना पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री से निरंतर सहयोग की अपेक्षा व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस अधिवेशन से निकले निष्कर्ष और सिफारिशें देश के सड़क क्षेत्र को और अधिक गतिशील बनाएंगे।

इस अवसर पर ओडिशा के कानून, लोक निर्माण एवं आबकारी मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन, मुख्य सचिव मनोज आहूजा, विकास आयुक्त अनु गर्ग, भारतीय सड़क कांग्रेस अध्यक्ष मनोरंजन परिड़ा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ उपस्थित थे। समारोह में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित इंजीनियरों को सम्मानित भी किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो

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