
नई दिल्ली, 7 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वंदे मातरम् केवल एक शब्द नहीं बल्कि यह एक मंत्र, एक ऊर्जा, एक सपना और एक संकल्प है। यह गीत मां भारती के प्रति भक्ति और समर्पण की प्रतीक भावना है जो हमें अपने अतीत से जोड़ता है, वर्तमान में आत्मविश्वास भरता है और भविष्य के लिए साहस देता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर वर्षभर चलने वाले समारोह का शुभारंभ किया। उन्होंने वंदे मातरम् पर विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् का मूल भाव है भारत मां भारती भारत की शाश्वत संकल्पना। जब यह चेतना शब्दों और लय के रूप में प्रकट हुई तब वंदे मातरम् जैसी रचना सामने आई। गुलामी के दौर में यही उद्घोष भारत की स्वतंत्रता का संकल्प बन गया था। वंदे मातरम् स्वतंत्रता संग्राम का स्वर बन गया जो हर क्रांतिकारी की जबान पर और हर भारतीय की भावना में रचा-बसा था।
प्रधानमंत्री ने वंदे मातरम् के 150 वर्षों की ऐतिहासिक यात्रा को भी याद करते हुए कहा कि बंकिमचंद्र चटर्जी ने जब 1875 में इसे बंगदर्शन में प्रकाशित किया तब किसी ने नहीं सोचा था कि यह गीत स्वतंत्रता आंदोलन की आत्मा बन जाएगा। 1896 में रवींद्रनाथ टैगोर ने कांग्रेस अधिवेशन में इसे गाया जबकि 1905 में बंग भंग आंदोलन के दौरान यह विरोध का प्रमुख नारा बना। वंदे मातरम् ने न केवल अंग्रेजी शासन के खिलाफ जनता को एक किया बल्कि एक समृद्ध सुजलाम सुफलाम भारत का सपना भी जगाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गीत स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा था और आज भी यह आजादी की रक्षा के संकल्प का प्रतीक है। बंकिम बाबू ने मां भारती को ज्ञान की देवी सरस्वती समृद्धि की देवी लक्ष्मी और शक्ति की देवी दुर्गा के रूप में चित्रित किया। यही भाव आज भारत को विज्ञान तकनीक रक्षा और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में अग्रणी बना रहा है। जब भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा, जब हमारी बेटियां फाइटर जेट उड़ाने लगीं या विज्ञान से लेकर खेल तक नई ऊंचाइयां छूने लगीं तो हर भारतीय के दिल से एक ही स्वर निकला भारत माता की जय, वंदे मातरम्।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम् केवल स्वतंत्रता का गीत नहीं बल्कि भारत की आत्मा की अभिव्यक्ति है। उन्होंने इस अवसर पर सभी ज्ञात-अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को नमन किया जिन्होंने वंदे मातरम् का उद्घोष करते हुए अपना जीवन न्यौछावर किया।
समारोह में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे होने पर 7 नवम्बर 2025 से 7 नवम्बर 2026 चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत है। इसके तहत देशभर में सार्वजनिक स्थलों पर वंदे मातरम् के सामूहिक गायन के साथ जन भागीदारी के अनेक आयोजन किए जायेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर