आईआईटी खड़गपुर और जर्मनी के बायरॉयथ विश्वविद्यालय के बीच हुआ समझौता

07 Nov 2025 16:12:01
आईआईटी खड़गपुर और बायरॉयथ विश्वविद्यालय के बीच नवाचार के लिए भारत-जर्मन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हेतु ऐतिहासिक समझौता


आईआईटी खड़गपुर और बायरॉयथ विश्वविद्यालय के बीच नवाचार के लिए भारत-जर्मन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हेतु ऐतिहासिक समझौता


आईआईटी खड़गपुर और बायरॉयथ विश्वविद्यालय के बीच नवाचार के लिए भारत-जर्मन उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना हेतु ऐतिहासिक समझौता


खड़गपुर (पश्चिम मेदिनीपुर), 07 नवंबर (हि.स.)। भारत और जर्मनी के बीच शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में सहयोग को नई दिशा देने के उद्देश्य से भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर और जर्मनी के बायरॉयथ विश्वविद्यालय के बीच एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

यह समझौता जर्मनी के बायरॉयथ विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक औपचारिक समारोह में संपन्न हुआ, जिसमें आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती और बायरॉयथ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर स्टीफन लाइब्ले उपस्थित रहे। इस अवसर पर भारत के बर्लिन स्थित दूतावास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी सलाहकार डॉक्टर रामानुज बनर्जी भी मौजूद थे।

समझौते के अंतर्गत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से भारत-जर्मन नवाचार उत्कृष्टता केंद्र (आईजीसीईआई) की स्थापना करेंगे। यह केंद्र दोनों देशों के नवाचार पारितंत्रों को जोड़ते हुए एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करेगा। इसका उद्देश्य अनुप्रयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और उद्यमिता सहयोग को बढ़ावा देना है।

यह केंद्र भारत और जर्मनी के शिक्षाविदों, उद्योगों और नव उद्यमों को एक साझा मंच प्रदान करेगा। इसका मुख्य लक्ष्य सतत प्रौद्योगिकियों का विकास, गहन प्रौद्योगिकी नवाचारों को प्रोत्साहन और रचनात्मक सोच आधारित समाधान विकसित करने वाली नई प्रतिभाओं का निर्माण करना होगा।

आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि यह साझेदारी दो ज्ञान-समृद्ध राष्ट्रों की साझा दृष्टि को अभिव्यक्त करती है, ऐसी दृष्टि जो नवाचार को प्रयोगशाला से समाज तक पहुंचाने में सहयोग और प्रभाव दोनों को एक सूत्र में पिरोती है।

वहीं, बायरॉयथ विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर स्टीफन लाइब्ले ने कहा कि हमारी शैक्षणिक क्षमताओं और नवाचार संस्कृतियों का समन्वय करके, हम एक ऐसे भविष्य की नींव रख रहे हैं जहां वैज्ञानिक सहयोग सतत और समावेशी प्रगति का प्रतीक बनेगा।

यह सहयोग आईआईटी खड़गपुर की वैश्विक साझेदारी नीति में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इस पहल से संस्थान की यह प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है कि वह नवाचार, उत्कृष्टता और सामाजिक प्रभाव को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्राथमिकता देता रहेगा।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

Powered By Sangraha 9.0