राजद के गीत ही बताते हैं कि वह जंगल राज की वापसी के लिए कितनी बेचैन : प्रधानमंत्री

08 Nov 2025 12:56:01
फाईल फोटो—बि​हार विधानसभा चुनाव—प्रधानमंत्री मोदी


- राजग के लिए भावनात्मक हथियार बनकर उभरी हैं जंगलराज की यादें

पटना, 08 नवम्बर (हि.स.)। बिहार विधानसभा चुनाव-2025 के दूसरे चरण में अब सियासी संग्राम पूरी तरह से मैदान में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के चुनाव अभियान में वायरल हो रहे गानों को निशाने पर लिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये गाने ही बता रहे हैं कि राजद जंगलराज की वापसी के लिए कितना बेचैन है। इन गीतों में गरीब, दलित और अति पिछड़े समाज के लोगों को डराने की कोशिश साफ झलकती है। राजद के चुनाव अभियान के एक गीत की बोल है 'आयेगी भैया की सरकार, बनेंगे रंगदार...।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस गीत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिनके प्रचार में अपराध, गुंडागर्दी और परिवारवाद की जय-जयकार होती है, वह सत्ता में आए, तो बिहार फिर उसी अंधेरे दौर में चला जाएगा, जिससे बाहर निकालने में जनता को 15 साल लगे। जनता अब गानों और पिछली सरकारों के रिकॉर्ड को तौल रही है।

राजद के गाने सुनिए और बिहार का भविष्य समझिए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यूट्यूब पर चल रहे राजग समर्थकों के प्रचार गानों का जिक्र करते हुए कहा कि इन गीतों को सुनकर ही बिहार के लोगों को समझ जाना चाहिए कि अगर राजद की सरकार आ गई, तो बिहार का क्या होगा? जिनके गानों में अपराधियों की जय-जयकार… सोचिए, उनके राज में क्या होगा?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये लोग पहले भी बिहार को जात-पात की राजनीति में उलझाए रहे और अब गीत-संगीत के जरिए भावनाओं को भड़काने में जुटे हैं। लेकिन बिहार की जनता समझदार है, वह अब डर की नहीं, विकास की राजनीति चाहती है। आज गरीब का बेटा स्कूल जा रहा है, बेटी बैंक खाता खोल रही है, घर में बिजली और गैस है। जो अतीत के अंधेरे को वापस लाना चाहते हैं, वे जनता की उम्मीदों से खेल रहे हैं।

फिर लौटा जंगलराज बनाम सुशासन का पुराना सवाल

प्रधानमंत्री के इस बयान ने चुनावी बहस को फिर उसी केंद्र में ला दिया है, जहां बिहार की राजनीति कई बार गुजर चुकी है जंगलराज बनाम सुशासन। राजनीतिक विश्लेषक लव कुमार मिश्र कहते हैं कि नरेन्द्र मोदी ने इस बयान से एक ही बार में कई निशाने साधे हैं, जातीय राजनीति पर हमला, पुराने डर की याद दिलाना और गरीब तबकों के मन में स्थिर शासन की चाह पैदा करना शामिल है। ---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

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