मोदी सर का बालसुलभ अंदाज और अभिभावकपन स्कूली छात्रों को भाया

08 Nov 2025 14:46:01
वंदे भारत में सवार बच्चों से बातचीत करते प्रधानमंत्री मोदी


वंदे भारत में सवार बच्चों से बातचीत करते प्रधानमंत्री मोदी


प्रधानमंत्री ने वंदेभारत ट्रेन में यात्रा करने वाले स्कूली बच्चों से किया संवाद और बच्चों से सुनी कविता

वाराणसी, 8 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को अपने दो दिवसीय काशी दौरे के दूसरे दिन एक अलग ही रूप में नजर आए। ‘अपनी काशी’ में इस बार वे देश के भावी नागरिकों यानी स्कूली बच्चों के बीच एक स्नेही अभिभावक और मित्र की भूमिका में दिखे।

बनारस (मंडुवाडीह) रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर आठ पर चार वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बनारस से खजुराहो के लिए रवाना होने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस की एक बोगी में जाकर स्थानीय स्कूली बच्चों से आत्मीय संवाद किया। उन्होंने बच्चों से दोस्त सरीखे सहज अंदाज में अभिवादन के साथ उनके कंधे पर हाथ रख बातचीत की। बच्चों पर स्नेह लुटाते हुए प्रधानमंत्री ने उनसे कविता भी सुनी और कविता सुनने के बाद उन्हें शाबाशी भी दी। प्रधानमंत्री ने बच्चों के हाथों बनी चित्र को देखा सराहा। बच्चों को पीएम मोदी सर का ये अंदाज खूब भाया। प्रधानमंत्री से मिलने के बाद छात्र- छात्राओं की खुशी का ठिकाना न रहा। वे इसकी तस्वीरे अपने परिजनों को भेजते रहे। सोशल मीडिया में भी प्रधानमंत्री का ये अंदाज और बच्चों से संवाद छाया हुआ है। प्रधानमंत्री ने बच्चों से भरी बोगी में भ्रमण के बाद लोको पायलट से भी इंजन में जाकर बातचीत की और ट्रेन संचालन की जानकारी ली।

इसके बाद कार्यक्रम के मंच से अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत ट्रेनों के उद्घाटन के दौरान विद्यार्थियों ने “विकसित भारत” पर सुंदर कविताएं और चित्र प्रस्तुत किए। “काशी के सांसद के रूप में मुझे गर्व है कि मेरे शहर के बच्चे इतने प्रतिभाशाली हैं। उन्होंने वंदे भारत ट्रेनों के शुभारंभ के दौरान छात्रों के बीच प्रतियोगिता आयोजित करने की परंपरा शुरू करने के लिए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की जमकर प्रशंसा की। प्रतियोगिता में प्रस्तुत चित्रों और कविताओं के लिए बच्चों की सराहना की, जो विकसित भारत, विकसित काशी, सुरक्षित भारत जैसे विभिन्न विषयों पर आधारित थे। उन्होंने उनके अभिभावकों और शिक्षकों द्वारा दिए गए सहयोग, मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के लिए उनकी भी सराहना की।

प्रधानमंत्री ने आगे एक बाल साहित्य सम्मेलन आयोजित करने का विचार रखा और 8-10 विजेताओं को देशभर में अन्य प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि इन बच्चों का कवि सम्मेलन काशी में कराया जाए और कुछ बच्चों को पूरे देश में ले जाया जाए। सभी अपने-अपने अनुभव साझा करते रहे। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में काशी की भूमिका अग्रणी रहेगी। हमें काशी के विकास की ये गति, ये ऊर्जा बनाए रखनी है, ताकि भव्य काशी तेजी से समृद्ध काशी भी हो, और पूरी दुनिया से जो भी काशी आए, वो बाबा विश्वनाथ की इस नगरी में, सभी को एक अलग ऊर्जा, एक अलग उत्साह और अलग आनंद मिल सके।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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