
वाराणसी, 8 नवंबर (हि.स.)। केंद्र सरकार ने वाराणसी में गंगा नदी पर एक महत्वाकांक्षी रेल-सह-सड़क का डबल डेकर पुल के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इसके बनने से शहर की कनेक्टिविटी और यातायात व्यवस्था सुगम हो जाएगी। इसको 'सिग्नेचर ब्रिज' का भी नाम दिया गया है। सिग्नेचर ब्रिज के अलावा वाराणसी शहर के अंदरूनी यातायात को नियंत्रित करने के लिए कई इनोवेटिव योजनाओं की भी घोषणा की गई है।
शनिवार को केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यहां पत्रकारों से इस परियोजना और वाराणसी में अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा कार्यों का विस्तृत ब्यौरा साझा किया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस परियोजना की अनुमानित लागत 2,642 करोड़ रुपये होगी और इसको 2028 तक पूरा करने का लक्ष्य है। इस परियोजना में निचले पुल पर 4 रेलवे ट्रैक होंगे, जो भारत का पहला पुल होगा जिस पर एक साथ इतनी रेल लाइन होंगी जबकि ऊपरी पुल पर 6 लेन की हाईवे सड़क होगी। इसकी नदी के सतह से 120 फीट गहरी नींव (फाउंडेशन) होगी। मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह पुल वर्तमान मालवीय पुल (राजघाट पुल) के लगभग 50 मीटर समानांतर, नमो घाट के पास बनाया जाएगा, जो काशी स्टेशन को जोड़ेगा। इससे वाराणसी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के बीच रेल और सड़क दोनों तरह के यातायात को सुगम बनेगा। इससे पश्चिम बंगाल तक आवागमन तेज होगा, जिससे यात्रा के समय और ईंधन की बचत होगी।
रेल मंत्री ने सिग्नेचर ब्रिज के अलावा वाराणसी शहर के अंदरूनी यातायात की भीड़भाड़ (कंजेशन) को कम करने के लिए कई इनोवेटिव योजनाओं की भी घोषणा की है। इसमें नए डबल-डेकर पुल से गाड़ियों को सीधे शहर के किसी जंक्शन पर उतारने के बजाय, उन्हें आगे उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टेशन पर एक नया सर्कुलेशन रोड बनाया जाएगा, जिससे विद्यापीठ की ओर से आने वाले यात्रियों को भीड़भाड़ वाले लंबे रास्ते से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा, स्टेशन के लिए आवागमन के लिए तीन अलग-अलग रास्ते होंगे, जिससे यातायात का भार बंट जाएगा और स्टेशन क्षेत्र में लगने वाले जाम से पूरी तरह छुटकारा मिलेगा।
मंत्री ने बताया कि कैंट स्टेशन पर नॉर्थ-ईस्ट से आने वाली ट्रेनों के लिए प्रस्तावित टर्मिनल पर भी कार्य जारी है। आंध्रा पुल की पुरानी समस्या को हल करने के लिए एक बड़ा फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। स्थानीय जनता की मांग पर त्वरित कार्रवाई करते हुए, रेल मंत्री ने काशी सिटी रेलवे स्टेशन के लिए भी महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने यहां स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्मों को जोड़ने के लिए एक नए फुट ओवर ब्रिज के निर्माण की घोषणा की। इससे यात्रियों, विशेषकर नवरात्र के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं को पटरियाँ पार करने की असुविधा और खतरे से मुक्ति मिलेगी।
मंत्री ने बताया कि काशी सिटी स्टेशन का पुनर्विकास 'अमृत भारत स्टेशन योजना' के तहत किया जाएगा, जिससे स्टेशन को आधुनिक और भव्य रूप मिलेगा। इस परियोजना के लिए 41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बनारस स्टेशन के पास की रेल लाइन को डबल और विद्युतीकृत किया जा चुका है और स्टेशन के सामने के हिस्से को भी एक भव्य रूप दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन सभी परियोजनाओं को शहर की वर्तमान और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जिसका मुख्य लक्ष्य काशी के नागरिकों को एक विश्वस्तरीय और सुगम यातायात व्यवस्था प्रदान करना है।
यह नया डबल-डेकर पुल वाराणसी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (मुगलसराय) के बीच यातायात को सुगम बनाकर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को एक नया आयाम देगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील सक्सेना