
नई दिल्ली, 8 नवंबर (हि.स.)। आध्यात्मिक और सांस्कृतिक भाईचारे के प्रतीक के रूप में राष्ट्रीय संग्रहालय में स्थापित भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को शनिवार को पालम एयरबेस से भारतीय वायु सेना के विमान द्वारा सार्वजनिक प्रदर्शनी के लिए भूटान ले जाया गया।
8 से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाली
यह प्रदर्शनी थिम्पू में होने वाले वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव (जीपीपीएफ) का हिस्सा है। यह आयोजन विश्व शांति और मानवता की भलाई के लिए प्रार्थना करने वाला प्रमुख आयोजन है और यह भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती के अवसर पर मनाया जा रहा है। यह दुनिया का एकमात्र वज्रयान साम्राज्य है।
भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को ले जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने किया और उनके साथ वरिष्ठ भारतीय भिक्षुओं और अधिकारियों का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी था।
उल्लेखनीय है कि यह ऐतिहासिक यात्रा भारत के संस्कृति मंत्रालय और इंटरनेशनल बौद्ध कन्फेडरेशन के सहयोग से आयोजित की जा रही है। यह दूसरी बार है जब इन पवित्र अवशेषों को भूटान ले जाया जा रहा है- पहली बार वर्ष 2011 में इसे राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के विवाह समारोह के अवसर पर ले जाया गया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी