
भोपाल, 09 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में डीजल ईंधन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोकने के लिये सार्वजनिक परिवहन सेवा में इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय ने मध्य प्रदेश के 8 नगर निगमों में 972 पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दी है। यह बसें शीघ्र संचालित हों, इसके लिये नगरीय निकायों द्वारा बस डिपो और चार्जिंग से जुड़े सभी अधोसंरचना कार्य तेजी से किये जा रहे हैं।
जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने रविवार को बताया कि प्रदेश में बस डिपो अधोसंरचना निर्माण के लिये संबंधित नगरीय निकायों को केन्द्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत और राज्य सरकार द्वारा 40 प्रतिशत राशि प्रदाय की जा रही है। इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में चार्जिंग पाइंट अधोसंरचना निर्माण के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 100 प्रतिशत राशि प्रदाय की जा रही है।
नगरीय निकायों में स्वीकृत पीएम ई-बसें
जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, केन्द्रीय शहरी कार्य मंत्रालय ने जिन नगर निगमों में ई-बसों की मंजूरी दी है, इनमें भोपाल में 195, इंदौर में 270, ग्वालियर में 100, जबलपुर में 200, उज्जैन में 100, सागर में 32, देवास में 55 और सतना में 20 ई-बसें शामिल हैं। नगरीय निकायों में ई-बस सेवा का संचालन जल्द शुरू हो, इसके लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने संबंधित निकायों को बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन से जुड़े अधोसंरचना के सभी कार्य जल्द पूरा करने के निर्देश दिये गये हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर