रूस ने यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्रों और पावर ग्रिडों पर सैकड़ों ड्रोन दागे, कई शहरों में बिजली–पानी ठप

09 Nov 2025 20:01:01

कीव, 09 नवम्बर (हि.स..)। रूस के लगातार हमलों के बाद यूक्रेन अपने ऊर्जा ढांचे को फिर से पटरी पर लाने के लिए जूझ रहा है। 08 नवम्बर की रात रूस ने देशभर के ऊर्जा संयंत्रों और पावर ग्रिडों पर सैकड़ों ड्रोन दागे, जिससे कई इलाकों में बिजली, हीटिंग और पानी की आपूर्ति बाधित हो गई।यूक्रेन की सर्दियों में हालात और बिगड़ने की आशंका है, क्योंकि तापमान गिरने के साथ ही हीटिंग सिस्टम पर निर्भरता बढ़ जाती है।

यूक्रेन की प्रमुख ऊर्जा कंपनी सेंट्रएनर्गो ने बताया कि उसके बिजली उत्पादन संयंत्रों पर भी निशाना साधा गया है। कंपनी के तीन में से एक बड़ा संयंत्र पहले से ही रूसी कब्जे वाले इलाके में है। बाकी दो संयंत्रों पर हमलों के बाद अब “बिजली उत्पादन शून्य पर आ गया है।

देश की ऊर्जा आपूर्ति संचालक एजेंसी उक्रएनर्गो के अनुसार अधिकांश क्षेत्रों में 09 नवम्बर को दिन में 08 से 16 घंटे तक बिजली कटौती लागू रहेगी, ताकि क्षतिग्रस्त संरचनाओं की मरम्मत की जा सके और बिजली के वैकल्पिक स्रोत तैयार किए जा सकें।

ऊर्जा मंत्री स्वितलाना ग्रिनचुक ने इसे “2022 में युद्ध शुरू होने के बाद की सबसे कठिन रातों में से एक” बताया। उन्होंने कहा कि कीव, द्निप्रो, डोनेत्स्क, खार्किव, पोलतावा, चेर्निहिव और सूमी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नियमित बिजली कटौती जारी रह सकती है।

ग्रिनचुक ने कहा, “दुश्मन ने बैलिस्टिक मिसाइलों से बड़े पैमाने पर हमला किया, जिन्हें गिराना बेहद कठिन होता है। युद्ध की शुरुआत के बाद ऊर्जा संयंत्रों पर इतने सीधे हमले शायद ही कभी हुए हों।”

इस बीच, यूक्रेन के विदेश उपमंत्री आंद्रिय सिबिहा ने बताया कि रूसी ड्रोन ने पश्चिमी यूक्रेन में स्थित दो परमाणु पावर सबस्टेशनों को भी निशाना बनाया, जो खमेलनित्सकी और रिव्ने परमाणु संयंत्रों को बिजली पहुंचाते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि “रूस यूरोप की परमाणु सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है” और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की आपात बैठक बुलाने की मांग की। सिबिहा ने चीन और भारत से भी अपील की कि वे रूस पर दबाव डालें, ताकि ऐसे हमलों को तुरंत रोका जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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