
नई दिल्ली, 01 दिसंबर (हि.स.)। कमजोर ग्लोबल संकेतों, स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों की बिकवाली, कच्चे तेल की कीमत में आई तेजी और डॉलर की मांग बढ़ने का असर आज भारत के मुद्रा बाजार में साफ नजर आया। मुद्रा बाजार में बने नकारात्मक माहौल के कारण रुपया आज डॉलर की तुलना में कमजोर होकर बंद हुआ। भारतीय मुद्रा आज 34 पैसे फिसल कर 89.79 रुपये प्रति डॉलर के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई। हालांकि, बाद में बाजार में डॉलर की आवक बढ़ने पर रुपये की स्थिति में सुधार हुआ। पूरे दिन के उतार चढ़ाव के बाद डॉलर की तुलना में रुपये ने 10 पैसे की कमजोरी के साथ 89.55 (अनंतिम) के स्तर पर आज के कारोबार का अंत किया। इसके पहले पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय मुद्रा 89.45 रुपये प्रति डॉलर के स्तर पर बंद हुई थी।
रुपये ने आज के कारोबार की शुरुआत मामूली बढ़त के साथ की थी। इंटरबैंक फॉरेन एक्सचेंज मार्केट में भारतीय मुद्रा ने आज सुबह डॉलर के मुकाबले 2 पैसे की तेजी के साथ 89.43 रुपये के स्तर से कारोबार की शुरुआत की थी। आज का कारोबार शुरू होने के बाद रुपया और 1 पैसे की मजबूती के साथ 89.42 के स्तर तक पहुंचा। हालांकि थोड़ी देर बाद ही निगेटिव सेंटिमेंट्स बन जाने और डॉलर की मांग में तेजी आ जाने के कारण भारतीय मुद्रा लुढ़क कर ऑल टाइम लो का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 89.79 रुपये प्रति डॉलर के स्तर तक गिर गई। दोपहर के बाद मुद्रा बाजार में डॉलर की मांग घटने के कारण रुपये की स्थिति में कुछ सुधार हुआ, जिसके कारण भारतीय मुद्रा 10 पैसे की कमजोरी के साथ 89.55 रुपये प्रति डॉलर (अनंतिम) के स्तर पर बंद हुई।
मुद्रा बाजार के आज के कारोबार में रुपये ने डॉलर के साथ ही ज्यादातर दूसरी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले भी कमजोर प्रदर्शन किया। आज के कारोबार के बाद ब्रिटिश पौंड (जीबीपी) की तुलना में रुपया 34.15 पैसे की कमजोरी के साथ 118.51 (अनंतिम) के स्तर पर पहुंच गया। इसी तरह यूरो की तुलना में रुपया आज 59.96 पैसे की गिरावट के साथ 104.08 (अनंतिम) के स्तर पर पहुंच कर बंद हुआ।
आपको बता दें कि साल 2025 में रुपया डॉलर की तुलना में 4.77 प्रतिशत तक कमजोर हो चुका है। इस साल के पहले दिन 1 जनवरी को भारतीय मुद्रा 85.70 रुपये के स्तर पर थी, जो अब 89.79 के स्तर तक फिसल चुकी है। इस साल रुपये 2022 के बाद सबसे बड़ी गिरावट आई है। इसकी वजह से इस साल रुपया डॉलर की तुलना में सबसे ज्यादा खराब प्रदर्शन करने वाली करेंसियों में शामिल हो गया है। मौजूदा कैलेंडर इयर में रुपये ने मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों में से सिर्फ अर्जेंटीन के पेसो और टर्किश लीरा से ही बेहतर प्रदर्शन किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक