
भोपाल, 17 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी के भोपाल में मेट्रो सेवा का संचालन शुरू होने जा रहा है। शनिवार, 20 दिसंबर केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर इसका उद्घाटन करेंगे। भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित उद्धाटन समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव समेत जानी-मानी हस्तियां शामिल होंगी। केंद्रीय मंत्री खट्टर और मुख्यमंत्री मोहन यादव सुभाष नगर स्टेशन से मेट्रो में बैठेंगे और एम्स तक जाएंगे, जहां पत्रकार वार्ता होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रिकॉर्डेड वीडियो मैसेज जारी किया जाएगा।
मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एस. कृष्ण चैतन्य ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल मेट्रो का 20 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव मिंटो हाल में लोकार्पण करेंगे। इसके बाद रविवार, 21 दिसंबर से आम लोग मेट्रो में सफर कर सकेंगे।
उन्होंने बताया कि मेट्रो के प्रायोरिटी कारिडोर में कुल आठ स्टेशन हैं। मेट्रो के संचालन का समय और किराया तय कर दिया गया है। खास बात यह है कि भोपाल मेट्रो में शुरुआती दिनों में किसी तरह की मुफ्त सैर की सुविधा नहीं दी जाएगी और यात्रियों को पहले दिन से टिकट लेकर ही यात्रा करनी होगी। पहले चरण में भोपाल मेट्रो सुभाष नगर से एम्स तक संचालित की जाएगी। मेट्रो सेवा सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक उपलब्ध रहेगी। हालांकि, यात्रियों की संख्या और जरूरत को देखते हुए आगे चलकर समय में बदलाव किया जा सकता है। शुरुआती दौर में मेट्रो तीन कोच के साथ चलेगी। फिलहाल दिल्ली मेट्रो की तरह महिलाओं के लिए अलग से कोई कोच निर्धारित नहीं किया गया है।
किराया संरचना के अनुसार एक स्टेशन का किराया 20 रुपये तय किया गया है। यदि यात्री तीन से पांच स्टेशनों तक सफर करते हैं तो उन्हें 30 रुपये चुकाने होंगे। वहीं, 7.4 किलोमीटर के प्रायोरिटी कारिडोर सुभाष नगर से एम्स मेट्रो स्टेशन तक सफर करने पर किराया 40 रुपये रहेगा। फिलहाल यात्रियों को आनलाइन टिकट की सुविधा नहीं मिलेगी और टिकट मैन्युअली लेना होगा। पहले सप्ताह किसी भी प्रकार की फ्री यात्रा की सुविधा नहीं दी जाएगी। आरेंज लाइन का पूरा काम होने पर अधिकतम किराया 70 रुपये रहेगा।
एमडी चैतन्य ने बताया कि मेट्रो ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। परिचालन व्यवस्था की बात करें तो एम्स मेट्रो स्टेशन से 9 मेट्रो ट्रेन और सुभाष नगर से एम्स मेट्रो स्टेशन के बीच 8 मेट्रो ट्रेन चलाई जाएंगी। तीन कोच वाली प्रत्येक ट्रेन में एक कोच में करीब 350 यात्री सफर कर सकेंगे। मेट्रो ट्रेन एक दिन में कुल 17 फेरे लगाएगी। भविष्य में भोपाल मेट्रो को बिना ड्राइवर के चलाने की योजना है, हालांकि फिलहाल मेट्रो का संचालन ड्राइवर द्वारा ही किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आरेंज लाइन के 7.4 किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कारिडोर का काम जुलाई 2025 तक पूरा होना था, लेकिन प्रोजेक्ट लगभग छह महीने की देरी से पूरा हुआ है।
चैतन्य ने बताया कि मेट्रो की डीपीआर में पार्किंग का प्राविधान नहीं था। भोपाल और इंदौर में जो भी मेट्रो स्टेशन बने हैं, वे बिना पार्किंग के ही हैं। हालांकि भोपाल मेट्रो स्टेशन के पास 15 से 20 चार पहिया वाहन और 30 से 35 दो पहिया वाहन को खड़ा करने के लिए जगह चिह्नित कर ली है। जल्द ही यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
गौरतलब है कि भोपाल में पहला मेट्रो रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से एम्स से सुभाष नगर के बीच 6.22 किलोमीटर पर प्राथमिकता कॉरिडोर के तौर पर 2018 में काम शुरू किया गया था। सुभाष नगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो चुका है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन के कुछ काम बाकी हैं, जो पूरे किए जा रहे हैं। रेलवे ट्रैक के ऊपर दो स्टील ब्रिज भी बनाए गए हैं। भोपाल में पहली बार मेट्रो 3 अक्टूबर 2023 को पटरी पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर