चंडीगढ़, 19 दिसंबर (हि.स.)।
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव शुक्रवार की रात खारिज कर दिया गया। कांग्रेस के विधायकों ने गुरुवार को यह प्रस्ताव स्पीकर के समक्ष दाखिल किया था। जिस पर शुक्रवार को दूसरी सीटिंग के दौरान चर्चा हुई। इस प्रस्ताव पर जब तक वोटिंग की नौबत आती तब तक कांग्रेस सदन से वाकआउट करके चली गई। एक साल में यह दूसरा मौका है जब कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिरा है।
90 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायकों की जरूरत है। भाजपा के पास 48 विधायक हैं। यह पता होने के बावजूद कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया था।
विधानसभा में शुक्रवार शाम साढ़े पांच बजे बहस शुरू हुई जो रात 10.30 तक चली।
कांग्रेस के अविश्वास के साथ इनेलो खड़ी नहीं हुई। हालांकि, इनेलो ने सरकार की नीतियों का विरोध किया, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव हस्ताक्षर न करवाने के विरोध में इनेलो ने कांग्रेस का साथ देने की बजाय वाकआउट किया।
कांग्रेस की तरफ से विधायक रघुवीर कादयान ने अविश्वास प्रताव पेश किया।
प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कई बार सदन में तल्खी भी देखने को मिली। कादयान ने कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, एमएसपी, किसानों को फसल मुआवजा देने, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और फिरौती की घटनाओं सहित कई अन्य मुद्दों पर नायब सरकार को घेरा।
विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वरिष्ठ विधायक चौधरी आफताब अहमद ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतंत्र को तंत्रलोक में बदल दिया है। मशीन और मशीनरी का दुरुपयोग कर बनी इस संवेदनहीन और संवादहीन सरकार पर लोगों का भरोसा नहीं रहा है। सरकार की संकीर्ण सुरंगीय सोच के कारण प्रदेश अपराध, नशा, बेरोजगारी, अशिक्षा, असमानता, दूषित पर्यावरण, किसानों की खराब स्थिति का पर्याय बन चुका है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सबका साथ-सबका विश्वास और सबका विश्वाप मूल मंत्र पर सरकार आगे बढ़ रही है।
सीएम ने कहा कि विपक्ष सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, जिसमें विपक्ष को 82 मिनट बोलने का मौका मिला और सत्ता पक्ष को 60 मिनट तथा इनेलो के दो सदस्य 15 मिनट बोलने का समय दिया है। अब विपक्ष धैर्य से सुनें। विपक्ष के साथ 22 फरवरी 2024 को लेकर भी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया थे, लेकिन मतदान से पहले वाकआउट कर गए थे। विपक्ष की ओर से जो आरोप लगाए हैं, वह तथ्यहीन हैं। कानून व्यवस्था से लेकर किसान कल्याण, महिला उत्थान, युवाओं को रोजगार और विकास परियोजनाओं का जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने अपराध, बेरोजगारी, उद्योग, कृषि समेत सभी मुद्दों पर विपक्ष के आरोपो के जवाब दिया। रात करीब दस बजे सदन की कार्यवाही को 30 मिनट के लिए बढ़ाया गया तो नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अन्य विधायकों ने कहा कि सीएम उनके सवालों का जवाब नही दे रहे हैं,अन्य विषयों पर बोल रहे हैं। इसी बात को आधार बनाकर कांग्रेस ने सदन से वाकआउट कर दिया। इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री महिपाल ढांडा ने प्रस्ताव खरिज करने की मांग की। स्पीकर हरविंदर कल्याण ने कांग्रेस द्वारा लाये गए प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई तो उसके पक्ष में कोई नही था। इस प्रस्ताव के विरोध में भाजपा विधायकों, मंत्रियों ने सर्वसम्मति से वोट करके कांग्रेस के प्रस्ताव को गिरा दिया।
विधानसभा में राजनीतिक दलों का संख्या बल
विधानसभा 90 विधायक
बहुमत के लिए - 46 विधायक
भाजपा विधायक – 48 विधायक
निर्दलीय विधायक – 03 विधायक
कांग्रेस विधायक – 37 विधायक
इनेलो विधायक – 02 विधायक
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा