विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर एनसीएमईआई का विशेष कार्यक्रम आयोजित

युगवार्ता    19-Dec-2025
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विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआई ) द्वारा आयोग कार्यालय में एक विशेष कार्यक्रम


नई दिल्ली, 19 दिसंबर (हि.स.)। विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान आयोग (एनसीएमईआई) ने आयोग कार्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) शाहिद अख्तर, डॉ. माजिद अहमद तालिकोटी तथा कर्नल ताहिर मुस्तफा, रजिस्ट्रार, जामिया हमदर्द की गरिमामयी उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधि, विभिन्न धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्य तथा एनसीएमईआई के अधिकारी एवं कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

इस दौरान भारत के संविधान के अनुच्छेद 30(1) के अंतर्गत अल्पसंख्यकों को प्रदत्त शैक्षणिक अधिकारों तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए उपलब्ध अन्य संवैधानिक सुरक्षा प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा की गई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रो. (डॉ.) शाहिद अख्तर ने कहा,

“संविधान का अनुच्छेद 30 (1) अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार देता है। यह प्रावधान भारत की बहुलतावादी और समावेशी लोकतांत्रिक व्यवस्था की रीढ़ है, जिसकी रक्षा करना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।”

वहीं कर्नल ताहिर मुस्तफा, रजिस्ट्रार, जामिया हमदर्द ने अपने संबोधन में कहा,

“शिक्षा सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। अल्पसंख्यक समुदायों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा न केवल संवैधानिक दायित्व है, बल्कि सामाजिक सौहार्द और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।”

वक्ताओं ने समानता, आपसी सम्मान और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया तथा अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता को संरक्षित रखने के महत्व को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा, उनकी शैक्षणिक स्वतंत्रता के संरक्षण, संवैधानिक मूल्यों के पालन तथा सभी समुदायों के प्रति सम्मान और सौहार्द बनाए रखने की शपथ दोहराई।

यह कार्यक्रम 18 दिसंबर को मनाए जाने वाले विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में संपन्न हुआ।

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद

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