मप्र में अब मतदाता करेंगे नगर पालिका-परिषद अध्यक्ष का चुनाव, विधानसभा में पारित हुआ संशोधन विधेयक

युगवार्ता    02-Dec-2025
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मध्य प्रदेश विधानसभा (फाइल फोटो)


- राइट-टू-रिकॉल का समय ढाई की बजाय तीन साल किया गयाभोपाल, 02 दिसम्बर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में अब विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को मध्य प्रदेश नगर पालिका संशोधन अध्यादेश-2025 सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस विधेयक के पास होने से अब प्रदेश में सीधे मतदाता नगरपालिका और परिषद अध्यक्षों का चुनाव कर सकेंगे। इससे पहले इनका चुनाव पार्षद और पंचायत सदस्य करते थे।

नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने का कानून दिग्विजय सिंह सरकार ने लागू किया था, जिसमें संशोधन आया है। उन्होंने कहा कि पहले ढाई साल राइट टू रिकॉल के लिए तय था। अब इसे तीन साल कर दिया गया है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए राइट टू रिकॉल का समय 5 साल की बजाय तीन साल का तय किया गया है।

विधानसभा में सोमवार को नियम 139 के तहत अतिवृष्टि से हुए नुकसान पर चर्चा के दौरान नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नगर पालिका संशोधन विधेयक पेश किया गया था। इस पर मंगलवार को चर्चा हुई। चर्चा के दौरान नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- कोविड के समय से नगर पालिका चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से हो रहे थे। इसको प्रत्यक्ष रूप से करने को लेकर कांग्रेस-भाजपा सभी दलों के सदस्यों ने राय दी है। इसको लेकर मुख्यमंत्री और उनसे चर्चा की गई है। प्रत्यक्ष चुनाव होने के बाद जो भी अध्यक्ष बनेगा वह किसी वार्ड विशेष पर फोकस करके काम नहीं कराएगा, बल्कि पूरे नगर के विकास के लिए काम करेगा। अभी जो व्यक्ति अध्यक्ष बनता है वह अपने वार्ड पर ही सारा पैसा खर्च करना चाहता है, इस तरह की प्रवृत्ति इस एक्ट के पारित होने के बाद बंद होगी।

इस संबंध में कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि 'राइट टू रिकॉल' के मामले में बात स्पष्ट करनी चाहिए। चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग हो जाती है। पिछले विधानसभा चुनाव में हुए ऐसे मामलों में कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मंडी सहकारिता के 10 से 12 साल से चुनाव नहीं हुए हैं। यह चुनाव भी होने चाहिए। उन्होंने अलग हटकर अतिक्रमण पर अपनी बात रखते हुए कहा कि इन पर कार्रवाई के लिए भी मंत्री को विचार करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष चुनाव होने से पार्षद का दबाव या प्रभाव कम हो जाएगा। सरपंच का चुनाव प्रत्यक्ष होता है तो पंचों की कोई भूमिका नहीं रह जाती। हॉर्स ट्रेडिंग की बात कही जा रही है, तो जनपद और जिला पंचायत के चुनाव भी तो अप्रत्यक्ष प्रणाली से हो रहे हैं। विधानसभा में भी तो हॉर्स ट्रेडिंग हुई थी।

कांग्रेस विधायक नारायण सिंह पट्टा ने सदन में कहा कि जिस तरह से राष्ट्रीय दलों में दल-बदल कानून लागू होता है, उसी तरह नगर पालिका, नगर निगम में भी दल-बदल कानून लागू होना चाहिए। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राजीव गांधी के सपनों को पूरा करने का कानून दिग्विजय सिंह सरकार ने लागू किया था, जिसमें संशोधन आया है। राजीव गांधी के सपनों का राहुल गैंग विरोध कर रही है। कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा कि जहां विधायक बिकते हों, पार्षद बिकते हों, वहां इस राइट टू रिकॉल का कोई मतलब नहीं है। इस बिल में राइट टू रिकॉल होने के कारण 3 साल बाद फिर खुलेआम खरीद फरोख्त होगी।

इस पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि विरोध नहीं किया है, सुधार के लिए कहा है। हॉर्स ट्रेडिंग तो सब जगह है, चाहे विधायक हों चाहे सांसद हों या कोई और। नगर पालिका बिल से राजनीतिक फायदे ज्यादा हैं। जनता को इससे कोई सीधा फायदा नहीं है। यह बिल टिकट बेचने का माध्यम बनेगा। तीन साल बाद अध्यक्ष को राइट टू रिकॉल के दायरे में लाना ठीक नहीं है। उसका कार्यकाल पूरा होना चाहिए। विजयवर्गीय ने कहा कि पहले ढाई साल राइट टू रिकॉल के लिए तय था।अब इसे 3 साल कर दिया गया है। डेमोक्रेसी की मजबूती के लिए राइट टू रिकॉल का समय 5 साल की बजाय तीन साल का तय किया गया है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने नगर पालिका संशोधन विधेयक 2025 पारित कर दिया।

विधेयक को लेकर भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह ने कहा कि नगर पालिका परिषद के चुनाव जनता से कराने के विधेयक को सिरमौर से भाजपा विधायक दिव्यराज सिंह ने सराहनीय कदम बताया है। कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश में 10-12 नगरीय निकायों के अध्यक्षों के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश था। कई अध्यक्षों को पार्षद और जनता हटाने की तैयारी कर रही थी। कहीं ऐसा तो नहीं कि यह व्यवस्था उनको बचाने के लिए की गई हो। हालांकि मैं इस बिल का समर्थन करता हूं, क्योंकि इससे हॉर्स ट्रेडिंग रुकेगी।

नगरीय प्रशासन राज्य मंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है। इसी के चलते अब नगरपालिका-नगर परिषदों के चुनाव जनता के माध्यम से होंगे। इसका बिल आज सर्वसम्मति से पास हुआ है। आरोप लगाना लोकतांत्रिक व्यवस्था पर आरोप लगाना है।_____________

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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