
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (हि.स.)। भारतीय रेलवे ने तमिलनाडु के कन्याकुमारी, चेन्नई और कोयंबटूर से उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लिए काशी तमिल संगमम 4.0 में व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सात विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है। इसका उद्देश्य तमिल भाषी क्षेत्रों और काशी के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करना, प्रतिभागियों को सुगम, सुरक्षित और समयबद्ध यात्रा उपलब्ध कराना है।
रेल मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि विशेष सेवाओं की शुरुआत 29 नवंबर को कन्याकुमारी से पहली ट्रेन के प्रस्थान के साथ हुई। इसके बाद आज चेन्नई से एक और विशेष ट्रेन रवाना हुई। आगामी प्रस्थान क्रमशः 3 दिसंबर को कोयंबटूर से, 6 दिसंबर को चेन्नई से, 7 दिसंबर को कन्याकुमारी से, 9 दिसंबर को कोयंबटूर से और 12 दिसंबर को चेन्नई से निर्धारित हैं। इस प्रकार कुल सात विशेष ट्रेनें तमिलनाडु के प्रमुख शहरों से चरणबद्ध तरीके से वाराणसी के लिए चलेंगी।
प्रतिभागियों की वापसी यात्रा को सुगम बनाने के लिए रेलवे ने बनारस से भी विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की है। इनमें 5 दिसंबर को कन्याकुमारी, 7 दिसंबर को चेन्नई, 9 दिसंबर को कोयंबटूर के लिए सेवाएं शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 11, 13, 15 और 17 दिसंबर को भी चेन्नई, कन्याकुमारी और कोयंबटूर के लिए वापसी सेवाएं चलाई जाएंगी।
रेलवे के अनुसार, आज से प्रारंभ हुआ काशी तमिल संगमम 4.0 तमिलनाडु और काशी के ऐतिहासिक सांस्कृतिक रिश्ते को और प्रगाढ़ करने का प्रयास है। इस वर्ष की थीम “लेट अस लर्न तमिल – तमिल करकलम” है, जिसके अंतर्गत वाराणसी के विद्यालयों में तमिल सीखने की पहल, काशी क्षेत्र के विद्यार्थियों के तमिलनाडु अध्ययन भ्रमण तथा तेनकासी से काशी तक ‘संत अगस्त्य वाहन यात्रा’ जैसे कार्यक्रम शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय के नेतृत्व में आयोजित इस आयोजन में आईआईटी मद्रास और काशी हिंदू विश्वविद्यालय प्रमुख ज्ञान साझेदार हैं, जबकि रेलवे सहित दस मंत्रालयों की भागीदारी इसे और व्यापक बनाती है। इसमें दोनों क्षेत्रों के छात्र, शिल्पकार, विद्वान, अध्यापक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार