काशी-तमिल संगमम में हुआ उत्तर–दक्षिण संस्कृति का अद्भुत संगम, मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ

02 Dec 2025 19:36:01
काशी तमिल संगमम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व तमिलनाडु से आया दल


—प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दी शुभकामनाएं

वाराणसी, 2 दिसंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की धार्मिक नगरी काशी (वाराणसी) में मंगलवार शाम गंगा के किनारे नमोघाट पर उत्तर और दक्षिण के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के लिए काशी-तमिल संगमम के चौथे संस्करण की शानदार शुरूआत हुई। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने शंखनाद के बीच रिमोट से बटन दबाकर 'काशी-तमिल संगमम' की शुरुआत की। वाराणसी के सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए शुभकामनाएं दीं।

''तमिल करकलाम यानि तमिल सीखें'' की थीम पर आधारित कार्यक्रम में काशी और तमिलनाडु के कलाकारों ने एक साथ मंच पर पारम्परिक प्रस्तुति देकर विविधतापूर्ण भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम का अहसास कराया। उदघाटन कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल आर

एन रवि तथा पुदुच्चेरी के उपराज्यपाल के. कैलासनाथन, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केन्द्रीय राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश मिश्र सहित अन्य विशिष्टजनों की खास मौजूदगी रही।

उद्घाटन समारोह में तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमिल के लोगों का दर्द समझा और इस कार्यक्रम की शुरुआत की। बताते चले काशी-तमिल संगमम का पहला संस्करण (2022) लगभग एक महीने तक चला था, जिसमें दोनों राज्यों के विद्वानों, छात्रों, कलाकारों और श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया था। इसे चौथे संस्करण की शुरूआत वाराणसी में हुई और इसका समापन समारोह रामेश्वरम में होगा।

काशी तमिल संगमम के शुभारंभ हाेने से पूर्व वाराणसी से सांसद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया के अधिकृत एक्स अकाउंट पर लिखा, “काशी तमिल संगमम आज प्रारंभ हो रहा है। यह जीवंत कार्यक्रम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना को गहराता है। संगमम में शामिल होने आ रहे सभी लोगों को काशी में सुखद और यादगार प्रवास की शुभकामनाएं!” संगमम में शामिल होने के पूर्व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक्स पर लिखा कि बाबा विश्वनाथ की पावन नगरी वाराणसी में आज से आरंभ हो रहे एक भारत-श्रेष्ठ भारत की जीवंत अभिव्यक्ति 'काशी-तमिल संगमम्' के चतुर्थ संस्करण का साक्षी बनूंगा। ‘लेट अस लर्न तमिल’-तमिल करकलम्' की थीम के साथ प्रारंभ हो रहा यह भव्य आयोजन पुन: उत्तर और दक्षिण भारत की संस्कृति और संस्कार को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में आज 'नया भारत' वैदिक एवं सांस्कृतिक चेतना के उत्कर्ष पर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

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