आयरलैंड की संसद में जेलेंस्की का संबोधन, ‘न्यायपूर्ण शांति के बिना नफरत नहीं मिटेगी’

युगवार्ता    02-Dec-2025
Total Views |

डबलिन, 02 दिसंबर (हि.स.)। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने मंगलवार को आयरलैंड की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जहां उनका जोरदार स्वागत किया गया। अपने भाषण में उन्होंने रूस के साथ जारी युद्ध, शांति प्रयासों और यूरोप की एकता पर विशेष जोर दिया।

सत्र की शुरुआत में आयरिश संसद की स्पीकर वेरोना मर्फी ने कहा कि आयरलैंड यूक्रेन के साथ एकजुटता में खड़ा है। उन्होंने कहा कि आयरलैंड का सैन्य तटस्थ रुख “अत्याचारों के प्रति नैतिक तटस्थता नहीं” है।

स्पीकर ने कहा- “हमारी तटस्थता शांति के प्रति प्रतिबद्धता है, उदासीनता नहीं।” उन्होंने गुड फ्राइडे समझौते का उल्लेख करते हुए कहा कि आयरलैंड का इतिहास साबित करता है कि कठिन परिस्थितियों में भी संवाद से स्थायी शांति स्थापित की जा सकती है।

वहीं, आयरिश संसद में संबोधन की शुरुआत यूक्रेन के राष्ट्रपतिी वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आयरलैंड द्वारा यूक्रेन के शरणार्थियों को दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद जताया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन और आयरलैंड “सदियों तक अपनी पहचान बचाने के लिए संघर्ष करने वाली प्रजातियां” हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध को उन्होंने “द्वितीय विश्व युद्ध के बाद स्वतंत्रता के लिए सबसे विनाशकारी संघर्ष” बताया। वहीं, शांति वार्ताओं पर उन्होंने कहा कि “यूक्रेन पूरी तरह बातचीत में शामिल है। हम शांति के पहले से कहीं अधिक करीब हैं, लेकिन इस अवसर को पकड़ना होगा।” उन्होंने कहा कि कोई भी देश “अकेले दुनिया को नहीं तोड़ सकता—रूस भी नहीं।”

जेलेंस्की ने रूस की आक्रामकता को “अपराध और बिना उकसावे की गई कार्रवाई” बताया। उन्होंने कहा कि रूस ने यूक्रेन को अपनी संपत्ति और यूक्रेनियों को पिछवाड़े के जानवरों की तरह समझकर हमला किया। उन्होंने यूरोपीय देशों से रूस पर लगातार दबाव बनाए रखने और युद्ध अपराधों की जवाबदेही सुनिश्चित करने की अपील की।

यूक्रेन की यूरोपीय संघ सदस्यता पर उन्होंने कहा कि यूरोप को अपने मूल्यों पर खरा उतरना होगा, क्योंकि “यूक्रेन आज यूरोप की ओर से उन्हीं मूल्यों की रक्षा कर रहा है।”

अपने संबोधन के अंत में जेलेंस्की ने कहा कि युद्ध को सिर्फ रोकना पर्याप्त नहीं है, बल्कि एक न्यायपूर्ण और टिकाऊ शांति समझौता जरूरी है। उन्होंने चेतावनी दी कि “न्यायपूर्ण शांति के बिना नफरत नहीं बुझेगी, यह सुलगती रहेगी और नई हिंसा को जन्म देगी।”

उन्होंने आयरलैंड से समर्थन जारी रखने की अपील करते हुए कहा, “हमें वास्तविक शांति हासिल करने में मदद करें और यूक्रेन पर अपना विश्वास कभी न खोएं।”

जेलेंस्की के संबोधन के बाद संसद में लंबे समय तक तालियां गूंजती रहीं।

-------------------

हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

Tags