याेगी कैबिनेट का बड़ा फैसला, अयोध्या में अब 52 एकड़ में बनेगा विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय

02 Dec 2025 16:01:00
कैबिनेट की बैठक करते मुख्यमंत्री योगी


-मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर

लखनऊ, 2 दिसंबर (हि.स.)। याेगी सरकार ने अयोध्या को विश्वस्तर पर एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गंतव्य के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। टाटा सन्स के सहयोग से अयोध्या में प्रस्तावित विश्वस्तरीय ‘मंदिर संग्रहालय’ के लिए राज्य सरकार ने 25 एकड़ के स्थान पर अब 52.102 एकड़ जमीन नि:शुल्क देने का निर्णय लिया है। इस आशय का प्रस्ताव मंगलवार काे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में यहां लोकभवन में हुई कैबिनेट बैठक में मंजूर किया गया। इस बैठक में कुल 19 अहम प्रस्तावों पर मोहर लगी है।

कैबिनेट के निर्णयों के बारे में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि टाटा सन्स ने अपने सीएसआर फंड से एक अत्याधुनिक मंदिर संग्रहालय विकसित करने और उसका संचालन करने की इच्छा व्यक्त की है। इसे कम्पनी एक्ट 2013 की धारा 8 के तहत एक गैर-लाभकारी एसपीवी के तहत बनाया जाएगा। इसमें केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। परियोजना के लिए भूमि आवंटन के लिए केन्द्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और टाटा सन्स के बीच त्रिपक्षीय एम्ओयू बीते 3 सितंबर 2024 को हस्ताक्षरित हो चुका है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि पूर्व में प्रदेश सरकार ने अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में 25 एकड़ नजूल भूमि टाटा सन्स को 90 वर्षों के लिए उपलब्ध कराने की अनुमति दी थी, लेकिन टाटा संस ने संग्रहालय की भव्यता के दृष्टिगत अधिक भूमि की अपेक्षा की थी। ऐसे में अब इस भूमि के अतिरिक्त 27.102 एकड़ और मिलाकर कुल 52.102 एकड़ भूमि का निःशुल्क हस्तांतरण आवास एवं शहरी नियोजन विभाग से पर्यटन विभाग के पक्ष में किया जाएगा, ताकि इस संग्रहालय और निमार्ण कार्याें का दायरा बढ़ाया जा सके।

राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेलों में हिस्सा लेने वाले यूपी के खिलाड़ियों को बड़ी राहतउत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को बड़ी राहत देने का ऐलान किया है। ऐसे खिलाड़ियाें के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं, ट्रेनिंग कैंपों और संबंधित गतिविधियों में शामिल होने की अवधि और उनके आवागमन के समय काे भी ‘ड्यूटी’ माना जाएगा। योगी कैबिनेट के इस फैसले से खिलाड़ियों को अनुमति लेने में होने वाली मुश्किलें खत्म हाे जाएंगी।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अब तक ‘अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता सीधी भर्ती नियमावली-2022’ में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं थी। सेवा नियमावली में अवकाश संबंधी प्रावधान न होने के कारण खिलाड़ियों को प्रतियोगिताओं और प्रशिक्षण शिविरों में भाग लेने के लिए अनुमति प्रक्रिया में दिक्कतें आती थीं। अब नई प्रणाली में व्यवस्था होगी कि नियुक्त खिलाड़ी जब भी किसी राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, कैंप या प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने की अवधि सेवा अवधि (ड्यूटी) मानी जाएगी। इसमें आने-जाने का पूरा समय भी शामिल होगा।

वाराणसी के सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन अब साई करेगा योगी कैबिनेट ने वाराणसी में निर्माणाधीन डॉ. सम्पूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम, सिगरा के संचालन, प्रबंधन और रखरखाव तथा राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए ‘भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के साथ हुए एमओयू को मंजूरी दे दी है। यह वही स्टेडियम है, जहां ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत आधुनिक स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया गया है। एमओयू के तहत स्टेडियम परिसर में मौजूद खेल सुविधाओं; जैसे, भवन, ढांचे, मैदान और अन्य अवसंरचनाओं को साई को सौंपा जाएगा, ताकि यहां नेशनल सेंटर ऑfफ एक्सीलेंस की स्थापना और संचालन सुचारु रूप से हो सके।

हर मंडल में दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खुलेंगेयोगी सरकार की कैबिनेट बैठक में आज दिव्यांगजनों के लिए एक अहम निर्णय लिया गया। सरकार ने राज्य के सभी 18 मंडलों में नए जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र (डीडीआरसी) खोलने को मंजूरी दे दी है। वर्तमान में प्रदेश के 38 जिलों में ऐसे केंद्र चल रहे हैं। कुछ समस्याओं के कारण कई जगह संचालन प्रभावित हो रहा था। अब सरकार पूरे ढांचे को नए सिरे से संसाधनों से लैस करते हुए संचालित करने जा रही है, ताकि दिव्यांगजनों को मिलने वाली सेवाओं में कोई बाधा न आए।

कानपुर और बरेली की पेयजल परियोजना को मंजूरी मंत्री खन्ना ने बताया कि कैबिनेट ने शहरी पेयजल व्यवस्था को मजबूत करने के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी दे दी है। अटल नवीकरण एवं शहरी रूपांतरण मिशन-अमृत 2.0 के तहत बरेली और कानपुर नगर निगम क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति सुधारने और नेटवर्क विस्तार के लिए कुल 582.74 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। दोनों योजनाएं शहरों की बड़ी आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होंगी।

हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप शुक्ला

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