
काठमांडू, 21 दिसंबर (हि.स.)। बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में झूठे आरोप के आधार पर एक हिंदू युवक की पिटाई कर हत्या करने और शव जलाने की घटना के विरोध में वीरगंज में हिंदू युवाओं ने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने घटना में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए बांग्लादेश सरकार की आलोचना की। प्रदर्शन में शामिल हिंदू युवाओं ने “हिंदुओं की हत्या नहीं चलेगी”, “बांग्लादेशी मुसलमान मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाते हुए वीरगंज नगर का परिक्रमा किया। इसके बाद वे घंटाघर पहुंचे, जहां उन्होंने बांग्लादेश के झंडे अंकित चित्र को आग लगाकर अपना विरोध जताया।
प्रदर्शनकारी युवाओं ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू असुरक्षित हैं और इस तरह की निर्मम हत्याओं के बावजूद सरकार अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।
घंटाघर में आयोजित कोणसभा को संबोधित करते हुए हिंदू युवा नेता विकास साह ने कहा कि बांग्लादेश में इससे पहले भी अल्पसंख्यक हिंदुओं पर दमन होता रहा है। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म शांति प्रेमी है और दुनिया के किसी भी कोने में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचार और हिंसा को सहन नहीं किया जाएगा। साह ने कहा, “बांग्लादेश सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा की गारंटी देनी चाहिए।”
नेपाल मुस्लिम समाज संघ, पर्सा ने भी बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के एक युवक की निर्मम हत्या की घटना की कड़ी निंदा की है। संघ के अध्यक्ष होने का दावा करने वाले महबूब अली (शेरू) ने इस अमानवीय घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट की है। उन्होंने कहा कि हाल ही में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के एक निर्दोष युवक की निर्मम हत्या की घटना ने हम सभी को गहरे दुख और चिंता में डाल दिया है। इस प्रकार की अमानवीय, घृणास्पद और हिंसक घटनाएं मानवता, सह-अस्तित्व और धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर प्रहार करती हैं।
मुस्लिम संघ ने विश्वभर में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच भाईचारा, प्रेम, सौहार्द और पारस्परिक संबंध बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि धर्म, जाति या समुदाय के आधार पर होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा सभ्य समाज के लिए अस्वीकार्य है। नेपाल को हमेशा धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक एकता का उदाहरण बताते हुए पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा को लेकर चिंता भी व्यक्त की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास