
विराटनगर (नेपाल) 22 दिसम्बर(हि.स.)। नेपाल में कोसी प्रांत की राजधानी एवं मोरंग जिला मुख्यालय विराटनगर में एक कैसिनो में रविवार देर रात नेपाली पुलिस की कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में भारतीय आधार कार्ड बरामद होने के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा पार सुरक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान लग गया है।
नेपाल में ज़ेन-जी आंदोलन के बाद से भी भारत नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी की जा चुकी है। अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में सुरक्षा को लेकर कई गंभीर मामले लगातार सामने आ रहे हैं। एक ओर जेनजी आंदोलन के बाद फरार कैदियाें की मौजूदगी सीमा पार अपराध की संभावना बलवती हुई तो वहीं ताजा मामले में रविवार की देर रात नेपाल पुलिस की छापेमारी में नेपाली नागरिकों द्वारा प्रयोग किए जा रहे भारतीय आधार कार्ड का भंडार मिला है। सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी तहकीकात शुरू कर दी है। बताया गया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है।
मोरंग के प्रमुख जिला अधिकारी युवराज कटेल के निर्देशन में सहायक प्रमुख जिला अधिकारी सरोज कोइराला और मोरंग के पुलिस अधीक्षक कोवित कटुवाल के नेतृत्व में एक टीम ने रविवार रात शहर के बिग होटल और रत्ना होटल के केसिनो में छापा मारा। कोइराला के अनुसार छापेमारी के क्रम में नेपाली नागरिक द्वारा विराटनगर के कैसिनो में जाने के लिए भारतीय आधार कार्ड दिखाया गया लेकिन आगे की सत्यापन की प्रक्रिया में एटीएम कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस देखने के बाद उनकी पोल खुल गयी। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई में 20 नेपाली नागरिकों की गिरफ़्तारी हुई है। गिरफ्तार व्यक्ति मे कैसिनो के एक उच्च पदस्थ अधिकारी भी हैं जो ज़ेन-जी आंदोलन के अगुवा लोगों में शामिल थे। गिरफ्तार नेपाली नागरिकों के पास फर्जी भारतीय आधार कार्ड बरामद हुए हैं। इस कार्रवाई के बाद यह सवाल उठने लगा है कि ऐसे कितने गिरोह सक्रिय हैं जो भारतीय नागरिकों के आधार कार्ड लेकर कैसिनो में गोरखधंधे कर रहे हैं।
सहायक जिला अधिकारी सरोज कोइराला ने कहा कि नेपाली नागरिकों के पास भारतीय पहचान पत्र आधार कार्ड का मिलना संगीन मामला है। आधार कार्ड की प्रामाणिकता की जांच के जाएगी। साथ ही ऐसे गिरोह की भी शिनाख्त की जाएगी जो इस तरह के गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं। मोरंग के पुलिस प्रमुख एसपी कोवित कटुवाल ने कहा कि नेपाल में केवल विदेशी नागरिकों को ही केसिनो में जाने की अनुमति है और नेपाली नागरिकों के प्रवेश पर रोक है। ऐसे में नेपाली नागरिक भारतीय नागरिकों के आधार कार्ड को लेकर प्रवेश पाते हैं और इसमें कैसिनो संचालक पूरी तरह से संलिप्त है। कटुवाल ने कहा कि पुलिस को लगातार नेपाली नागरिकों के कैसिनो में जाने की सूचना मिल रही थी, जिसके आलोक में छापेमारी की गई है।
जानकारों के अनुसार कैसिनो में भारतीय ग्राहकाें को लुभाने के लिए कैसिनो के संचालक ने जोगबनी, फारबिसगंज, अररिया, पूर्णिया मे दर्जनों लोगो को एजेंट के रूप में लगाया गया है जो भारतीय नागरिकों के मोबाइल नम्बरों पर कैसिनो में काम करने वाली लड़कियों से वीडियो कॉल पर बातचीत करवा कर लुभाया जाता है। एक बार इसके लत लगने के बाद कैसिनो संचालक अपराधियों के कुचक्र में कई लोग तो अपना घरबार तक बेचने को मजबूर हुए हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में ऐसे दर्जनों कारोबारी हैं जिन्हें कैसिनो के चक्कर में अपना कारोबार और घर बेचकर भागना पड़ा है या कर्ज के बोझ तले दबे हैं। बताया जाता है कि कैसिनो के संचालक का एक प्रमुख राजनीतिक दल से संबंध है।
सहायक जिला अधिकारी कोइराला ने बताया कि कसीनो के लत से भारत ही नहीं विराटनगर के कई व्यापारी अब कंगाली की कगार पर है। उन्होंने कहा कि कई परिवार लगातार गुहार लगा रहे थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। गिरफ्तार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है और आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है। इस कार्रवाई से स्थानीय नागरिकों को भी कैसिनों के कुचक्र के टूटने एवं अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आशा बढ़ी है। -------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर
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