महाराष्ट्र नगर परिषद–नगर पंचायत चुनाव : भाजपा फिर बनी नंबर-1 पार्टी

23 Dec 2025 20:27:01
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र चव्हान और भाजपा के अन्य पदाधिकारी जित का जश्न मनाते हुए


- फडणवीस के विकास मॉडल और रविंद्र चव्हाण की संगठनात्मक रणनीति को मिली बड़ी सफलता

मुंबई, 23 दिसंबर (हि.स.)। महाराष्ट्र में हाल ही में संपन्न हुए नगरपरिषद और नगरपंचायत चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मजबूत स्थिति को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है। इन चुनावों में भाजपा ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए खुद को राज्य की नंबर-1 पार्टी के रूप में स्थापित किया है। यह सफलता मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के विकासोन्मुख नेतृत्व और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की सशक्त संगठनात्मक रणनीति का परिणाम मानी जा रही है।

भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच लंबे समय से देवेंद्र फडणवीस और रविंद्र चव्हाण की जोड़ी को लेकर जो भरोसा था, उसे स्थानीय निकाय चुनावों के नतीजों ने सही साबित कर दिया। चुनाव प्रचार के दौरान गूंजा नारा और गीत — “तुमची आमची भाजपा सर्वांची” — अब जनादेश में तब्दील होता नजर आया। प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हाण ने परिणामों के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जनता ने भाजपा की नीतियों और नेतृत्व पर भरोसा जताया है।

प्रदेश अध्यक्ष पद संभालने के महज छह महीनों के भीतर रविंद्र चव्हाण ने अनुशासन, संयम और आक्रामक चुनावी रणनीति के संतुलन के साथ पूरे महाराष्ट्र में संगठन को नई ऊर्जा दी। इस अवधि में कई प्रभावशाली नेताओं का भाजपा में प्रवेश हुआ, जिससे पार्टी का जनाधार और मजबूत हुआ। कोकण क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखने वाले चव्हाण के लिए ये चुनाव नेतृत्व की असली परीक्षा माने जा रहे थे, जिसमें वे पूरी तरह सफल रहे।

राज्य के अनेक क्षेत्रों में भाजपा की सीधी टक्कर शिवसेना (शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) से रही। इसके बावजूद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की राजनीतिक सूझबूझ और संगठनात्मक समन्वय के चलते भाजपा ने कई महत्वपूर्ण नगर निकायों में जीत दर्ज की।

विशेष बात यह रही कि महायुति के भीतर सत्ता संतुलन और राजनीतिक स्थिरता को प्रभावित किए बिना भाजपा ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। इस रणनीति के माध्यम से सहयोगी दलों की दूसरी पंक्ति के नेताओं को भी भाजपा ने अपनी राजनीतिक क्षमता का संकेत दिया है। हाल के दिनों में भाजपा में हुए पार्टी प्रवेशों के बाद शिवसेना और भाजपा नेतृत्व के बीच समीकरणों को लेकर नई राजनीतिक चर्चाएं भी तेज हो गई हैं।

आगामी जनवरी में प्रस्तावित महानगरपालिका चुनावों को लेकर भी देवेंद्र फडणवीस और रविंद्र चव्हाण की जोड़ी की रणनीति प्रभावी साबित होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में महायुति के सहयोगी दल आगे किस प्रकार की चुनावी रणनीति अपनाते हैं, इस पर राज्य की राजनीतिक नजरें टिकी हुई हैं।

-----------------------

हिन्दुस्थान समाचार / मनीष कुलकर्णी

Powered By Sangraha 9.0