
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (हि.स.)। भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती पर भारत मंडपम सभागार-2 प्रगति मैदान में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसका आयोजन हिंदी अकादमी दिल्ली द्वारा किया गया।
इस अवसर पर हिन्दी अकादमी, दिल्ली की प्रतिष्ठित मासिक पत्रिका “इन्द्रप्रस्थ भारती” के विशेषांक का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री, विधायकगण, साहित्यकार, कविगण एवं बड़ी संख्या में काव्य-प्रेमी उपस्थित रहे।
अटल बिहारी वाजपेयी जी के बाल्यकाल से लेकर उनके सार्वजनिक जीवन, पत्रकारिता, संसदीय परंपराओं, प्रधानमंत्री कार्यकाल में लिए गए ऐतिहासिक निर्णयों तथा राष्ट्र निर्माण में उनके अतुलनीय योगदान को वृत्तचित्र के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन ने अपने संबोधन में कहा कि अपने स्मृतियों को हम सभी अटल बिहारी वाजपेयी के साथ जोड़ते हैं। वाजपेयीजी के साथ आज हम सभी के जुड़ाव की एक विशेष घड़ी है। आज उनके जन्मदिवस के अवसर पर उनकी शताब्दी वर्ष की ओर हम आगे बढ़ रहे हैं। ऐसे में सर्वप्रथम उस महामानव को वे श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हैं। उनका मानना है कि अटल जी के जन्मदिवस को इससे अधिक सुंदर और सार्थक तरीके से नहीं मनाया जा सकता। जब यह आयोजन सम्मेलन के रूप में होता है, तो निश्चित रूप से अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि मिलती है।
उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि विरोधी भी कहते थे—‘अटल जी हमारे हैं, बस गलत स्थान पर हैं।’ उन्होंने राजनीति को मर्यादा, भाषा को संयम और सत्ता को सेवा का माध्यम बनाना सिखाया। कवि सम्मेलन केवल कविता नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को समझने का माध्यम होता है। दिल्ली जैसे बुद्धिजीवियों के नगर में इस आयोजन के लिए मैं आयोजकों को बधाई देता हूं।”
विशिष्ट अतिथि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि जब हम सबके प्रिय, करोड़ों हृदयों के सम्राट, स्वर्गीय भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी को स्मरण करते हैं, तो उनके विचार हमारे लिए आदर्श हैं और उनका जीवन हमारे लिए दर्शन है। ऐसा व्यक्तित्व, जिसने जीवन भर युग-पुरुष की भांति पूरे देश को, देश की राजनीति को और प्रत्येक नागरिक को दिशा दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष को यह बताना चाहती हैं कि जिस प्रकार भाजपा ने दिल्ली के लिए एक मजबूत टीम बनाई है, वह प्रतिदिन सुबह अटलजी के विचारों के साथ अपने कार्य की शुरुआत करती है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दिल्ली को विकसित भारत के साथ विकसित दिल्ली बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि यदि दिल्ली की बात करें, तो आज दिल्ली मेट्रो यदि किसी की देन है, तो वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की देन है। 24 दिसंबर 2002 को उन्होंने पहली टिकट स्वयं खरीदी थी। आज वही मेट्रो 400 किलोमीटर का सफर तय कर प्रतिदिन लगभग 35 लाख यात्रियों की सेवा कर रही है।
उन्होंने आगे कहा—“बाधाएं आती हैं आएं,
घोर प्रलय की घोर घटाएं…कदम मिलाकर चलना होगा।”
कला, संस्कृति एवं भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत उत्साह और गर्व के साथ होनी चाहिए। उन्होंने उपस्थित जनसमूह से भारत माता की जय और वंदे मातरम् के जयघोष के साथ सहभागिता करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि 25 दिसंबर का दिन इसलिए विशेष है क्योंकि आज कवि-मन का भी जन्म हुआ और महामन का भी। अटल बिहारी वाजपेयी जी के शब्द—“अंधेरा छट जाएगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा”—आज दिल्ली में साकार होते दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने सभी उपस्थित कवियों का नाम लेते हुए स्वागत किया और कहा कि इस मंच पर वे कवि विराजमान हैं जिन्होंने स्वयं अटल जी के समक्ष कविता-पाठ किया है, इसलिए यह मंच ऐतिहासिक है।
उल्लेखनीय है कि इस राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में देश के सुविख्यात कवियों ने ओज, हास्य और व्यंग्य से परिपूर्ण काव्य-पाठ कर अटल बिहारी वाजपेयी जी को काव्यांजलि अर्पित की। पूरा सभागार तालियों की गूंज से गूंज उठा।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव