
- रोगी-केंद्रित देखभाल, टेलीमेडिसिन और सख्त दवा नियमन के दिए निर्देश
भोपाल, 26 दिसम्बर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को नई दिल्ली में मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं की उच्चस्तरीय समीक्षा की। बैठक में राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को सुदृढ़ करने, रोगी संतुष्टि बढ़ाने और प्रमुख राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर व्यापक चर्चा कर निर्देश दिए।
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने दवाओं के कड़े नियमन पर बल देते हुए निर्देश दिए कि निर्माण से लेकर वितरण तक पूरी आपूर्ति श्रृंखला की सतत निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि दवाओं की गुणवत्ता एवं सुरक्षा बनी रहे। उन्होंने रोगी संतुष्टि, नियामक अनुपालन तथा पर्यवेक्षण को मिशन मोड में लेने पर जोर दिया।
गुणवत्तापूर्ण जांच प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़
केंद्रीय मंत्री ने फ्री ड्रग्स एवं फ्री डायग्नोस्टिक्स योजनाओं की समीक्षा करते हुए आपूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने और निगरानी में मौजूद कमियों को दूर करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दवा एवं डायग्नोस्टिक खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता, लॉजिस्टिक्स और जवाबदेही बढ़ाने के लिए मंत्रालय द्वारा आईआईएम अहमदाबाद के सहयोग से कार्य किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण डायग्नोस्टिक्स एवं समय पर जांच प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं और इन्हें प्राथमिक, द्वितीयक एवं तृतीयक स्तर पर और सशक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल प्रशासन एवं नियामक अनुपालन के लिए पेशेवर प्रबंधन की आवश्यकता पर बल देते हुए रक्तकोष, अस्पताल प्रणालियों और सुरक्षा प्रोटोकॉल के सुदृढ़ नियमन के निर्देश दिए।
मिशन मोड में स्वास्थ्य सुधारों और 2027 तक टीबी मुक्त भारत का किया आह्वान
केंद्रीय मंत्री नड्डा ने टेलीमेडिसिन को दूरस्थ एवं वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ाने का प्रभावी माध्यम बताते हुए इसे नियमित स्वास्थ्य सेवा वितरण प्रणाली में और अधिक एकीकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने टीबी मुक्त भारत 2027 के लक्ष्य को दोहराते हुए जिला-विशेष रणनीतियों, सघन स्क्रीनिंग, बेहतर डायग्नोस्टिक्स, उपचार अनुपालन एवं पोषण सहयोग को सुदृढ़ करने तथा जिला एवं ब्लॉक स्तर पर कड़ी निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
नड्डा ने जन भागीदारी को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, जवाबदेही एवं जनविश्वास बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए जन प्रतिनिधियों के लिए संवेदनशीलता कार्यशालाएं आयोजित करने का सुझाव दिया, जिससे वे ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ नियमित समीक्षा कर सकें।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिशन मोड में किया जाएगा क्रियान्वितः शुक्ल
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को आश्वस्त किया कि मध्य प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार के मार्गदर्शन एवं सहयोग से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, उपलब्धता और प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में दवा नियमन, डायग्नोस्टिक्स सुदृढ़ीकरण, टेलीमेडिसिन विस्तार तथा टीबी उन्मूलन के लक्ष्यों को मिशन मोड में क्रियान्वित किया जाएगा।
बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. सुनील कुमार बर्नवाल, अपर सचिव एवं प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आराधना पटनायक, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजित पुनहानी तथा औषधि महानियंत्रक, भारत डॉ. राजीव सिंह रघुवंशी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी सहित मप्र के लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर