
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स)। भारत सरकार की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) ने उपभोक्ताओं के हित में महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की है। इस साल हेल्पलाइन के माध्यम से 45 करोड़ रुपये वसूले गए और 67,265 उपभोक्ता शिकायतों का निपटान किया गया है।
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में बताया कि एनसीएच जो भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की एक प्रमुख पहल है। यह देशभर में उपभोक्ताओं की शिकायतों के प्रभावी, समय पर और मुकदमे से पहले समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
मंत्रालय के मुताबिक 25 अप्रैल से 26 दिसंबर, 2025 तक 8 महीने की अवधि के दौरान हेल्पलाइन ने 31 सेक्टरों में रिफंड के दावों से संबंधित 67,265 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान करते हुए 45 करोड़ रुपये का रिफंड सफलतापूर्वक दिलाया। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट, 2019 के तहत मुकदमे से पहले के चरण में काम करते हुए एनसीएच विवादों का तेज़, सस्ता और आपसी सहमति से समाधान संभव बनाया, जिससे कंज्यूमर कमीशन पर बोझ कम होता है।
उपभोक्ता पर प्रभाव, उदाहरण के तौर पर मामले
जोधपुर के रमेश कुमार (बदला गया नाम) ने इस साल की शुरुआत में ऑनलाइन कुर्सियां ऑर्डर की थीं। ये कुर्सियां खराब हालत में आईं। ई-कॉमर्स कंपनी ने पांच बार वापस लेने का समय दिया, जिसको हर बार उसे रद्द कर दिया। कुमार टूटे हुए फर्नीचर और घटती उम्मीदों के साथ रह गए। फिर उन्होंने 1915 डायल किया। रमेश कुमार ने बाद में राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन के हस्तक्षेप करने और कुछ दिनों के भीतर अपना पूरा रिफंड पाने के बाद लिखा, ‘मेरे जैसे ठगे गए उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए उपभोक्ता हेल्पलाइन, आपको बहुत-बहुत धन्यवाद।’
मंत्रालय ने बताया कि अप्रैल से दिसंबर 2025 के बीच 67,265 भारतीयों को इस सरकारी मंच के माध्यम से अपनी शिकायतों का समाधान मिला, जिससे कुल 45 करोड़ रुपये की वापसी हुई। वर्ष 2025 के आंकड़े भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था और उसके झंझटों की कहानी बताते हैं। ई-कॉमर्स मंच से लगभग 40 हजार शिकायतें आईं और 32 करोड़ रुपये का रिफंड हुआ, जो कुल रिफंड का दो-तिहाई से अधिक है। इसके बाद यात्रा और पर्यटन क्षेत्र में 3.5 करोड़ रुपये का रिफंड हुआ।
उपभोक्ता कार्य मंत्रालय के अनुसार बेंगलुरु में एक उपभोक्ता ने वार्षिक इंटरनेट प्लान के लिए भुगतान किया। पैसे खाते से चले गए, लेकिन इंटरनेट कनेक्शन कभी नहीं मिला। ग्राहक सेवा ने 10 कार्य दिवसों में धन वापसी का वादा किया, लेकिन चार महीने बीत गए। बार-बार कॉल करने पर केवल तैयार किए गए जवाब और माफी मिली। एनसीएच ने हस्तक्षेप किया और तुरंत रिफंड मिल गया। इसी तरह चेन्नई में एक उपभोक्ता ने फ्लाइट की टिकट 96 घंटे पहले रद्द किया, लेकिन एयरलाइन कंपनी ने रिफंड देने से इनकार किया। एनसीएचकी मदद से उन्हें रिफंड मिल गया।
नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन का इस्तेमाल करना
उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने यह हेल्पलाइन देशभर के कंज्यूमर्स के लिए मुकदमे से पहले के स्टेज पर शिकायत निवारण पाने के लिए एक सिंगल पॉइंट एक्सेस के रूप में उभरी है। कंज्यूमर्स टोल-फ्री नंबर 1915 के ज़रिए 17 भाषाओं में अपनी शिकायतें रजिस्टर कर सकते हैं। शिकायतें इंटीग्रेटेड ग्रीवेंस रिड्रेसल मैकेनिज्म (INGRAM) के ज़रिए भी सबमिट की जा सकती हैं, जो एक ओमनी-चैनल, IT-इनेबल्ड सेंट्रल पोर्टल है। इस मकसद के लिए कई चैनल उपलब्ध हैं, जिनमें WhatsApp (8800001915), SMS (8800001915), ईमेल (nch-ca[at]gov[dot]in), NCH ऐप, वेब पोर्टल (www.consumerhelpline.gov.in), और उमंग ऐप शामिल हैं, जो कंज्यूमर्स को फ्लेक्सिबिलिटी और सुविधा देते हैं।
डिपार्टमेंट कंज्यूमर प्रोटेक्शन फ्रेमवर्क को मज़बूत करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है और सभी कंज्यूमर्स से अपने अधिकारों की रक्षा करने और समय पर निवारण पाने के लिए हेल्पलाइन का सक्रिय रूप से उपयोग करने का आग्रह करता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर