अकाल तख्त का फैसला-विवाह स्थल पर नहीं ले जा सकेंगे गुरु ग्रंथ साहिब

28 Dec 2025 18:14:00
अकाल तख्त साहिब की बैठक में भाग लेते सिंह साहिबान


- एआई से वीडियो व फिल्म बनाने से पहले एसजीपीसी की मंजूरी जरूरी

चंडीगढ़, 28 दिसंबर (हि.स.)। अकाल तख्त साहिब पर रविवार को पांच सिंह साहिबानों की संयुक्त बैठक में गुरु ग्रंथ साहिब की सवारी को शादी वाले स्थान पर लेकर जाने की रोक लगा दी गई है। सिंह साहिबानों की बैठक के बाद अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदारी कुलदीप सिंह गड़गज ने रविवार को बताया कि सिख धर्म में अब आनंद कारज केवल गुरुद्वारों में ही होगा। पार्कों, होटलों और अन्य खुले या व्यवसायिक स्थानों पर आनंद कारज की पूर्णत: मनाही होगी। गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप को किसी भी विवाह स्थल पर ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि उल्लंघन की स्थिति में पावन स्वरूप प्रदान करने वाले व्यक्ति, आनंद कारज करवाने वाले रागी जत्थे और संबंधित स्थानों के मालिकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। विशेष तौर पर चंडीगढ़ और आसपास के इलाकों में सामने आ रहे ऐसे मामलों पर भी बैठक में चिंता व्यक्त की गई। सभी ग्रंथी सिंह, रागी जत्थे, प्रबंधक एवं सेवादार इन आदेशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करें।

बैठक में मौजूद तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी टेक सिंह, सचखंड श्री हरिमंदर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी परविंदरपाल सिंह, सिंह साहिब ज्ञानी केवल सिंह तथा तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी जुगिंदर सिंह ने एकमत से इन फैसलों पर सहमति जताई और सिख समुदाय से इनके पालन की अपील की।

बैठक में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित वीडियो और आर्टिफिशियल फिल्मों के निर्माण के विषय पर सभी ने अपने विचार रखे। जत्थेदार ने कहा कि तकनीक भले ही आधुनिक हो, लेकिन बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि धार्मिक विषयों पर इस प्रकार की एआई या कृत्रिम फिल्में नहीं बनाई जा सकती, क्योंकि इससे सिख मर्यादाओं और परंपराओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

एसजीपीसी की अनुमति के बिना सिख इतिहास से संबंधित कोई भी फिल्म नहीं बनाई जा सकती। इस फैसले की प्रतियां देश के प्रमुख फिल्म निर्माताओं को भेजी जाएंगी। जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने बताया कि यह महसूस किया गया कि आधुनिक तकनीक के युग में यह विषय अत्यंत संवेदनशील है और इसके लिए स्पष्ट नीति आवश्यक है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

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