
भोपाल, 28 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश पर्यटन के इतिहास में साल 2025 एक मील का पत्थर साबित हुआ है। यह वर्ष पर्यटकों की बढ़ती आमद के लिहाज से महत्वपूर्ण रहने के साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले अनेक प्रतिष्ठित सम्मानों और पुरस्कारों के लिए जाना जाएगा। इस साल विरासत, वन्यजीव, ग्रामीण, जनजातीय, साहसिक, जल और जिम्मेदार पर्यटन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने जो समग्र मॉडल प्रस्तुत किया, उसने वैश्विक पर्यटन मंचों पर राज्य की मजबूत छवि बनाई है।
दरअसल, मध्य प्रदेश को यूं ही “हृदय प्रदेश” नहीं कहा जाता। खजुराहो, सांची, भीमबेटका, ग्वालियर, ओरछा और मांडू जैसे ऐतिहासिक और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल इसकी पहचान हैं। वर्ष 2025 में इस विरासत को वैश्विक स्तर पर बड़ी मान्यता मिली। वर्सेटाइल एक्सीलेंस ट्रैवल अवॉर्ड्स (वीईटीए) द्वारा मध्य प्रदेश को “लीडिंग हेरिटेज टूरिज्म डेस्टिनेशन” का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसी कड़ी में द वीक मैगजीन द्वारा “हेरिटेज टूरिज्म – बेस्ट स्टेट” के लिए प्रतिष्ठित गोल्डन बैनयन अवॉर्ड भी राज्य को मिला। यह सम्मान इस बात का प्रमाण है कि मध्य प्रदेश ने अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ उसे आधुनिक पर्यटन से सफलतापूर्वक जोड़ा है।
सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन बोर्ड के रूप में पहचान बना
पर्यटन नीति, प्रचार-प्रसार और नवाचार के क्षेत्र में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने 2025 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। 8वें ट्रैवल एंड हॉस्पिटेलिटी अवॉर्ड्स (हॉस्पिटेलिटी इंडिया) में राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन बोर्ड” और “प्रचार-प्रसार के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य” के दोहरे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इंडिया ट्रैवल अवॉर्ड्स (डीडीपी पब्लिकेशन) और साउथ एशिया ट्रैवल एंड टूरिज्म एग्जीबिशन (एसएटीटीई) में भी मध्य प्रदेश को “सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन पुरस्कार” प्राप्त हुआ। ये सम्मान राज्य की रणनीतिक ब्रांडिंग, डिजिटल प्रचार और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेलों में प्रभावी भागीदारी को दर्शाते हैं।
जिम्मेदार और सतत पर्यटन : मध्य प्रदेश का मॉडल
2025 में मध्य प्रदेश जिम्मेदार और सतत पर्यटन (रिस्पॉन्सिबल और सस्टेनेबल टूरिज्म) के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनकर उभरा। आईसीआरटी इंडिया अवॉर्ड्स में राज्य की रिस्पांसिबल टूरिज्म परियोजना को “Making Travel Inclusive” श्रेणी में स्वर्ण अवॉर्ड मिला। ट्रैवल वर्ल्ड ऑनलाइन–ग्लोबल टूरिज्म अवॉर्ड्स में “बेस्ट सस्टेनेबल स्टेट टूरिज्म अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया। वहीं नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस 2025 में इसी परियोजना को “Most Effective & Transformational Responsible Tourism Project of the Year” का खिताब मिला। इसी तरह से ग्रामीण पर्यटन के तहत साबरवानी और लाड़पुरा ग्राम (रिस्पांसिबल टूरिज्म) तथा प्राणपुर ग्राम (क्राफ्ट विलेज) को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बेस्ट टूरिज्म विलेज का सम्मान मिला। यह उपलब्धि स्थानीय समुदायों की भागीदारी, रोजगार सृजन और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में राज्य के प्रयासों को दर्शाती है।
ग्रामीण, जनजातीय और महिला सशक्तीकरण
मध्य प्रदेश पर्यटन की एक बड़ी उपलब्धि यह रही कि पर्यटन विकास को ग्रामीण और जनजातीय समाज से जोड़ा गया है। MP Excellence Awards 2025 के अंतर्गत ग्रामीण एवं जनजातीय पर्यटन में होमस्टे संचालन हेतु दो महिलाओं को सम्मानित किया गया, जबकि एसटीडीडब्ल्यू योजना यानी कि स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत सतपुड़ा नेशनल पार्क में गाइडिंग के लिए भी उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पहल आजीविका का साधन बनी और विशेष तौर पर महिला सशक्तिकरण और स्थानीय युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहायक रही है।
साहसिक, जल और एमआईसीई पर्यटन में नई ऊंचाइयां
साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने 2025 में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक जमाई। अटोएआई द्वारा 16वें अधिवेशन (तवांग, अरुणाचल प्रदेश) में राज्य को “ बेस्ट स्टेट ऑफ एडवेंचर टूरिज्म अवार्ड” मिला। जल पर्यटन में लक्स लाइफ इंटरनेशनल ट्रैवल मैगजीन द्वारा Inland Water Tourism Excellence Award 2024 प्रदान किया गया, जिससे नर्मदा, तवा और अन्य जल स्रोतों पर आधारित पर्यटन को नई पहचान मिली। इसके साथ ही 11वें वार्षिक एमआईसीई पर्यटन यानी मीटिंग, इन्सेंटिव, कॉन्प्रेंस, एक्जिवीजन टूरिज्म में शिखर सम्मेलन एवं इंडिया एमआईसीई अवॉर्ड्स 2025 में मध्य प्रदेश को “Most Focused MICE Destination of India” घोषित किया गया। इससे राज्य में कॉन्फ्रेंस, एग्जीबिशन और कॉरपोरेट टूरिज्म को बढ़ावा मिला।
उल्लेखनीय है कि एमआईसीआई पर्यटन में बैठकों (एम), प्रोत्साहन, (आई) कार्यक्रमों, (सी) सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के लिए(ई) की यात्रा शामिल है, जिनमें से सम्मेलन बाजार सबसे अधिक लाभदायक है। एमआईसीई पर्यटन से कुल तात्पर्य बैठकों, प्रोत्साहन कार्यक्रमों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के लिए की जाने वाली व्यावसायिक यात्राओं से है। इनका आयोजन विभिन्न व्यावसायिक, शैक्षणिक, पेशेवर या सांस्कृतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
क्राफ्ट, हैंडलूम और पर्यटन गांवों की सफलता
क्राफ्ट और हैंडलूम को पर्यटन से जोड़ने की मध्य प्रदेश की पहल भी 2025 में बेहद सफल रही। क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज, प्राणपुर को “बेस्ट टूरिज्म विलेज” का अवॉर्ड प्राप्त हुआ। इसके अलावा ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम अवॉर्ड 2024 में ग्राम छेड़का के ग्राम-स्टे को शामिल किया गया, जो पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस तरह पर्यटन पुरस्कार के नजरिए से देखें तो मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2025, पर्यटन के लिए वैश्विक सम्मान, नवाचार और समावेशी विकास का वर्ष रहा। विरासत से लेकर वन्यजीव, ग्रामीण से लेकर एमआईसीई, साहसिक से लेकर सतत पर्यटन हर क्षेत्र में राज्य ने संतुलित और दूरदर्शी मॉडल प्रस्तुत किया। अत: इस क्षेत्र में मिले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार आज इस बात की पुष्टि हैं कि मध्य प्रदेश पर्यटन अब अनुभव, जिम्मेदारी और सतत विकास का पर्याय बन चुका है। आने वाले वर्षों में यह “हृदय प्रदेश” निश्चय ही भारत के साथ वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर और भी मजबूती से अपनी धड़कन दर्ज कराएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी