(वार्षिकी- 2025) सोने-चांदी में आई तूफानी तेजी, प्लैटिनम के भी बढ़े भाव

28 Dec 2025 16:03:00
प्रतीकात्मक


नई दिल्ली, 28 दिसंबर (हि.स.)। साल 2025 सोना, चांदी और प्लैटिनम जैसी कीमती धातुओं के लिए शानदार साल साबित हुआ है। इस साल इन तीनों धातुओं के भाव में जोरदार तेजी आई। इस तेजी की वजह से साल के अंत में ये तीनों चमकीली धातुएं अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्पॉट गोल्ड 4,530 डॉलर प्रति औंस के स्तर को भी पार कर गया। इसी तरह चांदी ने भी सभी अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए 75 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार करने में सफलता हासिल कर ली। इसके अलावा तरह प्लैटिनम भी साल के अंत में 2,400 डॉलर प्रति औंस के स्तर के पार पहुंच कर कारोबार कर रहा है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में आई तूफानी तेजी की एक बड़ी वजह दुनिया के कई देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा अपना स्वर्ण भंडार मजबूत करने के लिए की जा रही सोने की खरीदारी भी रही है। इसी तरह गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स में भी इस साल लगातार भारी निवेश होता रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार अमेरिकी फेडरल रिजर्व (यूएस फेड) द्वारा ब्याज दरों में कटौती करने से भी सोने की कीमत को काफी सपोर्ट मिला है।

इस साल अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में तीन बार कटौती कर चुका है। अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2026 में भी यूएस फेड ब्याज दरों में कटौती करना जारी रख सकता है। ब्याज दरों में कमी होने से स्वाभाविक रूप से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की मांग में तेजी आ जाती है, जिसका असर उसकी कीमत बढ़ाने के रूप में साफ-साफ नजर आता है।

कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट मयंक मोहन के अनुसार भारत में रुपये की कीमत में भले ही गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन फॉरेक्स मार्केट में ओवरऑल डॉलर इंडेक्स कमजोर हुआ है। इसी हफ्ते ब्लूमबर्ग डॉलर स्पॉट इंडेक्स में 0.70 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस साल जून के महीने में डॉलर इंडेक्स में आई गिरावट के बाद इस हफ्ते इस इंडेक्स में आई ये सबसे बड़ी गिरावट है।

मयंक मोहन का कहना है कि फॉरेक्स मार्केट में डॉलर में कमजोरी आने से भी सोना और चांदी जैसी चमकीली धातुओं को सपोर्ट मिलता है। इस साल भी डॉलर इंडेक्स के उतार-चढ़ाव ने सोना और चांदी की कीमत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। साल 2025 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में लगभग 70 प्रतिशत की तेजी आई है। इसी तरह चांदी भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में 150 प्रतिशत से ज्यादा उछल गया है। वर्ष 1979 के बाद पहली बार किसी एक साल के दौरान सोना और चांदी के कीमत में आई ये सबसे बड़ी तेजी है।

इस साल चांदी की मांग में भी लगातार तेजी बनी रही, जिसकी वजह ये चमकीली धातु 28 औंस प्रति डॉलर के स्तर से उछल कर साल के अंत में 76 डॉलर प्रति औंस के स्तर तक पहुंच गई। जानकारों का मानना है कि इंडस्ट्रियल डिमांड में बढ़ोतरी होने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई कम हो जाने की वजह से इस साल चांदी की कीमत में लगातार तेजी बनी रही। वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगातार हो रहे उतार-चढ़ाव की वजह से सेफ इन्वेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट के रूप में भी इस साल चांदी में निवेश लगातार बढ़ता गया। खासकर सिल्वर ईटीएफ में लगातार इनफ्लो होता हुआ नजर आया। जिसकी वजह से चांदी रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने में सफल रही।

सोना और चांदी के अलावा प्लैटिनम की बात करें तो इस धातु की कीमत में भी इस साल लगातार तेजी का माहौल बना रहा। सिर्फ दिसंबर महीने में ही प्लैटिनम की कीमत में 40 प्रतिशत से अधिक की तेजी आ गई। इस तेजी की वजह से पहली बार प्लैटिनम 2,400 डॉलर प्रति औंस के स्तर को पार करके कारोबार करता हुआ नजर आ रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / योगिता पाठक

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