मध्य प्रदेश की 5 प्राचीन शिल्प कला को मिला जीआई टैग

युगवार्ता    03-Dec-2025
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मध्य प्रदेश की 5 प्राचीन शिल्प कला को मिला जीआई टैग


- खजुराहो स्टोन क्रॉफ्ट, छतरपुर फर्नीचर, बैतूल भरेवा मेटल क्रॉफ्ट, ग्वालियर पत्थर शिल्प और ग्वालियर पेपर मैशे क्रॉफ्ट को मिला जीआई टैग

भोपाल, 03 दिसम्बर (हि.स.)। भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश की पांच बहुत ही प्राचीन शिल्प कला को जीआई टैग मिला है। इनमें खजुराहो स्टोन क्रॉफ्ट, छतरपुर फर्नीचर, बैतूल भरेवा मेटल क्रॉफ्ट, ग्वालियर पत्थर शिल्प और ग्वालियर पेपर मैशे क्रॉफ्ट शामिल है। जीआई रजिस्ट्री चेन्नई की वेबसाइट पर बुधवार को इसकी जानकारी साझा की गई। जीआई टैग मिलने से प्रदेश की इन ऐताहिसक विरासतों को भारत की बौद्धिक संपदा अधिकार में शुमार होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बधाई दी है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार देर शाम सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि मध्य प्रदेश के स्थानीय शिल्प को जीआई टैग से नई पहचान मिलेगी। यह हमारे शिल्पकारों की अद्भुत सृजनशीलता और कौशल को समर्पित सम्मान है। प्रदेश की कला, संस्कृति और शिल्प विश्व पटल पर और अधिक गौरव प्राप्त करे। इस कार्य में लगे सभी बंधुओं को हृदय से बधाई।

वहीं, प्रदेश की एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने मध्य प्रदेश की विरासत को मिली इस ऐतिहासिक पहचान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार व्यक्त करते हुए विभागीय अधिकारियों को बधाई दी है। इस उपलब्धि को जीआई मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रख्यात पद्मश्री डॉ. रजनी कांत ने अत्यंत गर्व का पल बताया है।

जीआई रजिस्ट्री चेन्नई के वेबसाइट पर इन उत्पादों के सामने रजिस्टर्ड का स्टेटस आते ही संबंधित शिल्पियों में खुशी की लहर दौड़ गई और मध्य प्रदेश के लिए यह पहल करने वाले सूक्ष्म,लघु,मध्यम उद्यम विभाग सहित अन्य विभागों में भी नई चेतना आ गईं है।

एमएसएमई मंत्री चैतन्य कुमार काश्यप ने बताया कि लगभग एक वर्ष पूर्व ही इन सभी के लिए जीआई का आवेदन खजुराहो स्टोन क्रॉफ्ट, बैतूल भरेवा मेटल क्रॉफ्ट, ग्वालियर पत्थर शिल्प और ग्वालियर पेपर मैशे के लिए नाबार्ड, मध्य प्रदेश ने और छतरपुर फर्नीचर के लिए सिडबी मध्य प्रदेश ने वित्तीय सहयोग प्रदान किया था। एमएसएमई विभाग मध्य प्रदेश के प्रयास से स्थानीय शिल्पियों की संबंधित संस्थाओं द्वारा यह सभी जीआई एप्लिकेशन पद्मश्री डॉ. रजनीकांत के तकनीकी सहयोग से भेजे गए थे।

गौरतलब है कि इससे पहले नवम्बर माह में ही पन्ना डायमंड को जीआई टैग प्राप्त हुआ है। इसके अलावा प्रदेश के लगभग 25 उत्पादों की जीआई मिलने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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