नाटो-रूस परिषद का अंत, यूरोप अब रूस के खिलाफ सुरक्षा ढांचे पर केंद्रित

युगवार्ता    03-Dec-2025
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ब्रसेल्स, 03 दिसम्बर (हि.स.)। पोलैंड के विदेश मंत्री रादोस्वाव सिकॉर्स्की ने बुधवार को ब्रसेल्स में हुई बातचीत के बाद स्पष्ट रूप से कहा कि नाटो-रूस परिषद अब “अस्तित्व में नहीं रही”। यह परिषद वर्ष 2002 में नाटो और रूस के बीच परामर्श मंच के रूप में बनाई गई थी।

सिकॉर्स्की ने कहा कि यह मंच “उस समय बनाया गया था जब यह संभव लगता था कि यूरोप की सुरक्षा रूस के साथ मिलकर बनाई जा सकती है। लेकिन अब वह समय समाप्त हो गया है, क्योंकि इस दिशा में रुख बदलने के लिए रूस ने खुद यूक्रेन पर आक्रमण जैसे कदम उठाए हैं।”

उन्होंने कहा कि आज “यूरोपीय सुरक्षा रूस के खिलाफ बनाई जा रही है” और यह बात अब संस्थागत रूप से भी स्वीकार की जा चुकी है।

पुतिन के बयान पर पोलैंड का पलटवार

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा हाल में यूरोप को लेकर दिए गए आक्रामक बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए सिकॉर्स्की ने कहा कि “रूस उतना मजबूत नहीं है जितना वह खुद को समझता है।”

पुतिन ने तंज करते हुए कहा कि संभव है पुतिन को उनकी वास्तविक स्थिति के बारे में गलत जानकारी दी जा रही हो। उन्होंने कहा कि “वह हमें धमकाते हैं, लेकिन यह यूरोप को यूक्रेन के समर्थन पर ज्यादा केंद्रित करने में मदद करता है।”

यूक्रेन के लिए यूरोपीय संघ के पुनर्भरण ऋण प्रस्ताव का समर्थन

सिकॉर्स्की ने यूरोपीय संघ के यूक्रेन के लिए प्रस्तावित ‘रिपेरेशन लोन’ का भी समर्थन किया और कहा कि यह युद्ध की दिशा बदलने वाला कदम साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा कि “अगर पुतिन समझते हैं कि यूक्रेन के पास यह धन है और वह अगले दो-तीन वर्षों तक अपना प्रशासन व रक्षा दोनों चला सकता है, तो उसे सोचना पड़ेगा कि क्या वह इतनी लंबी अवधि तक युद्ध जारी रखने की क्षमता रखता है।”

उन्होंने बेल्जियम के प्रधानमंत्री से इस प्रस्ताव पर विरोध हटाने की अपील भी की।

सिकॉर्स्की ने कहा, “यूक्रेन के लिए इन परिसंपत्तियों को अनलॉक करना शांति को तेजी से लाने वाला सबसे बड़ा कारक हो सकता है। हालांकि मैं बेल्जियम की चिंताओं को समझता हूं, मुझे उम्मीद है कि आयोग के प्रस्ताव उन्हें पर्याप्त भरोसा देंगे।”

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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