स्मॉग के समय संसद सत्र न रखा जाए : पी. विल्सन

03 Dec 2025 23:41:00
डीएमके सांसद पी विल्सन


नई दिल्ली, 03 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बहुत बढ़ गया है। इसी को लेकर डीएमके के एक सांसद ने सरकार से कहा है कि जब स्मॉग सबसे ज्यादा होता है-नवंबर और दिसंबर में-तब संसद सत्र नहीं रखना चाहिए।

राज्य सभा में बुधवार को मणिपुर में जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) संशोधन अधिनियम, 2024 लागू करने पर चर्चा के दौरान डीएमके सांसद ने कहा कि इतने ज्यादा प्रदूषण में सांसद, कर्मचारी, सुरक्षाकर्मी और पत्रकार—सबकी सेहत पर असर पड़ता है। सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और अन्य बीमारियां बढ़ जाती हैं।

उन्होंने सुझाव दिया कि संसद सत्र को ऐसे महीनों में रखा जाए जब प्रदूषण कम हो, या फिर सत्र के दौरान हवा साफ रखने के लिए खास इंतजाम किए जाएं।

विल्सन ने संसद में दिल्ली की बिगड़ती हवा पर गंभीर चिंता जताते हुए कहा कि साल 2025 में एक भी दिन ऐसा नहीं था जब हवा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुरक्षित मानकों पर खरी उतरी हो। उन्होंने बताया कि दिल्ली में हर साल 17,000 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली हवा से जुड़ी है और लोगों की उम्र औसतन आठ साल कम हो रही है। 2022 से 2024 के बीच दो लाख से अधिक लोग प्रदूषण से जुड़े तीव्र श्वसन रोगों के कारण अस्पताल पहुंचे।

विल्सन ने कहा कि पराली जलाना इस प्रदूषण की सिर्फ एक छोटी वजह है। असली समस्या रोज होने वाले ट्रैफिक जाम, वाहनों का धुआं और दिल्ली में शासन का अधिक केंद्रीकरण है। उन्होंने सवाल उठाया कि 2025 में भी देश 1950 के पुराने शासन मॉडल पर क्यों चल रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि संसद के शीतकालीन सत्र को प्रदूषण के चरम महीनों में दिल्ली में रखने पर फिर से विचार किया जाए, क्योंकि संविधान में कहीं नहीं लिखा कि सभी दफ्तर और संस्थाएं दिल्ली में ही हों।

उन्होंने राजधानी की भीड़ कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अलग-अलग शहरों-चेन्नई, मुंबई और कोलकाता-में क्षेत्रीय पीठें बनाने की मांग की। साथ ही विभिन्न मंत्रालयों, न्यायाधिकरणों और सरकारी संस्थाओं को देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थानांतरित करने की जरूरत बताई।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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