
नई दिल्ली, 3 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने बुधवार को कहा कि सरकार के साथ-साथ समाज को भी दिव्यांगजन के हित में जागरूक और सक्रिय रहना चाहिए। इससे सरकार के प्रगतिशील प्रयासों को बल मिलेगा।
राष्ट्रपति ने आज दिव्यांगजन सशक्तिकरण के लिए वर्ष 2025 के राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन संवेदनशीलता और करुणा के पात्र नहीं हैं बल्कि बराबरी के हकदार हैं। हितधारकों का यह कर्तव्य है कि वे सुनिश्चित करें कि समाज और देश की विकास यात्रा में वे समान रूप से भागीदारी कर सकें।
उन्होंने कहा कि पिछले दशक के दौरान खेल-कूद के क्षेत्र में हमारे दिव्यांग बेटे-बेटियों ने बहुत तेजी से प्रगति के प्रतिमान स्थापित किए हैं। वर्ष 2012 के पैरालंपिक में भारत को एक पदक प्राप्त हुआ था। समाज और सरकार की सजगता और सक्रियता के परिणाम-स्वरूप वर्ष 2024 के पैरालंपिक हमारे खिलाड़ियों ने 29 पदक प्राप्त किए।
राष्ट्रपति ने बताया कि वर्ष 2024 में राष्ट्रपति भवन में एक कैफेटेरिया की शुरुआत की गई। इसे दिव्यांगजन चलाते हैं। वहां जाने वाले लोगों को दिव्यांग लोगों की कार्य-कुशलता और अतिथि-सत्कार का बहुत अच्छा अनुभव होता है। वहां काम करने वाले युवा दिव्यांगजन भी उत्साहित रहते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा