‘जल सेवा आकलन’ का शुभारंभ, ग्राम पंचायतें खुद कर सकेंगी पेयजल सेवाओं का मूल्यांकन

30 Dec 2025 16:06:53
जल सेवा आंकल पोर्टल का लांच करते सीआर पाटिल


नई दिल्ली, 30 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल ने मंगलवार को देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सेवाओं की नियमितता, पर्याप्तता, गुणवत्ता और स्थायित्व का नियमित आकलन करने के लिए ग्राम पंचायत आधारित डिजिटल टूल जल सेवा आकलन को ई-लॉन्च किया।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अनुसार जल सेवा आकलन ग्राम पंचायतों और गांव की संस्थाओं को अपने जल आपूर्ति तंत्र की नियमितता, पर्याप्तता, गुणवत्ता और स्थायित्व का स्वयं मूल्यांकन करने की शक्ति देगा। इससे गांव बाहरी और महंगे सर्वेक्षणों पर निर्भर रहने के बजाय सामूहिक रूप से अपनी पेयजल सेवाओं की स्थिति पर विचार कर सकेंगे।

कार्यक्रम में जल शक्ति राज्यमंत्री वी सोमन्ना और राज भूषण चौधरी, विभागीय सचिव अशोक केके मीना, मिशन निदेशक कमल किशोर सोअन सहित वरिष्ठ अधिकारी, राज्यों के प्रतिनिधि, पंचायत सचिव, सरपंच और ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य मौजूद रहे। लगभग 10,000 हर घर जल ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों ने वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।

पाटिल ने कहा कि जल जीवन मिशन केवल परिसंपत्तियों के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि हर ग्रामीण परिवार को भरोसेमंद पेयजल सेवाएं सतत रूप से उपलब्ध कराना इसका लक्ष्य है। उन्होंने मिशन के चार स्तंभ राजनीतिक इच्छाशक्ति, जनभागीदारी, हितधारक सहयोग और संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग गिनाते हुए कहा कि इनमें सबसे अहम जनभागीदारी है।

मंत्रालय ने बताया कि जल सेवा आकलन प्रक्रिया ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति, पंचायत सचिव, सिस्टम ऑपरेटर और जल उपभोक्ताओं के साथ चर्चा से शुरू होगी। इसके बाद निष्कर्ष ग्राम सभा में रखे जाएंगे और वहां से अनुमोदन के बाद डिजिटल रूप से जल जीवन मिशन पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे। यह डेटा राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगा और नागरिकों को 30 दिन का फीडबैक देने का अवसर मिलेगा। इसके तहत सभी हर घर जल ग्राम पंचायतों को 26 जनवरी 2026 तक जल सेवा आकलन पूरा करना आवश्यक होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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