तीन राज्यों के मुख्यमंत्री मिलकर कार्तिक उरांव का विश्वविद्यालय सपना पूरा करें : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

30 Dec 2025 17:19:53
अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।


शंख नदी के बैरियर बगीचा में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित श्राेतागण।


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू  का अभिवादन करते हुए झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार।


-मला में अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम

गुमला , 30 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड, ओडिशा एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री जनजातीय समुदाय से हैं। यदि तीनों सरकारें सकारात्मक पहल करें तो महान जनजातीय नेता स्वर्गीय कार्तिक उरांव का शंख नदी तट पर विश्वस्तरीय आदिवासी शक्ति स्वायत्तशासी विश्वविद्यालय का सपना साकार हो सकता है। राष्ट्रपति ने इसके लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को शंख नदी के बैरियर बगीचा में विश्वविद्यालय निर्माण समिति द्वारा आयोजित अंतरराज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उन्‍हें झारखंड आने पर तीर्थयात्रा जैसा अनुभव होता है।

कार्यक्रम में उन्‍होंने देश के इतिहास में अपना महान योगदान देने वाले भगवान बिरसा मुंडा, जतरा टाना भगत, परमवीर अल्‍बर्ट एक्का, शहीद बख्तर साय, मुंडल सिंह और कार्तिक उरांव को नमन किया और जनजातीय समाज के प्रबुद्ध लोगों को भी उनके कर्तव्य का बोध कराया।

उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज अभी भी बेहद पिछड़ा हुआ है। किन्हीं के पास जमीन नहीं है, किसी का घर नहीं है। कई जगह लोग पेड़ पर मकान बना कर रहते हैं। वे सरकारी सुविधाओं और शिक्षा से वंचित हैं। सरकार इन्हें मिशन मोड पर हर सरकारी सुविधा प्रदान करने का प्रयास कर रही है।

राष्ट्रपति ने कहा कि वास्तव में आदिवासी समाज को विकास का रास्ता दिखाने की जरूरत है। इसके लिए इस समाज के पढ़े लिखे लोग अपने गांवों से कट चुके हैं। वे पुन: अपने गांवों में जाएं और अपने लोगों की जरूरतों को समझें। वे अपने गांव को गोद लेकर विरासत और विकास को साथ लेकर आगें बढ़ें।

शिक्षा के प्रचार-प्रसार से ही समावेशी विकास का मार्ग होगा प्रशस्त

राष्ट्रपति ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षा के प्रचार-प्रसार से ही समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्‍होंने कहा कि शिक्षा ही सामाजिक न्याय और समग्र विकास का सबसे सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से यहां की महिलाएं सशक्त हो रही हैं। जनजातीय हस्तशिल्प को वैश्विक पहचान मिली है। मौके पर उन्‍होंने झारखंड की खेल प्रतिभा और कला की जमकर सराहना की। इसके पूर्व राष्ट्रपति मुर्मू ने कार्तिक उरांव की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ आनर दिया गया।

इस अवसर पर आयोजन समिति के संयोजक और पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव ने राष्ट्रपति का स्वागत किया और उन्हें मांग पत्र सौंपा।

कार्यक्रम को झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार और छत्‍तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर छत्‍तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका, छत्‍तीसगढ़ के कृषि मंत्री राम विचार नेताम, सांसद चिंतामणि महाराज, सांसद राधेश्याम राठिया, पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, समीर उरांव, पूर्व विधायक कमलेश उरांव, गुमला के उपायुक्त प्रेरणा दीक्षित, एसपी हरीश बिन जमां के अलावा कई गणमान्‍य उपस्थित थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / हरि ॐ सुधांशु सुधांशु

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