(वार्षिकी) यूसीसी हो या राष्ट्रीय खेल, देश ने देखा देेवभूमि का दम

30 Dec 2025 12:20:53
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी  फाइल चित्र।


देहरादून, 30 दिसंबर (हि.स.)। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) हो या फिर 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन, देवभूमि उत्तराखंड का दम वर्ष 2025 में हर जगह दिखा। अपने रजत जयंती वर्ष में उत्तराखंड ने हर मोर्चे पर अपनी क्षमताओं का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। अपेक्षाकृत छोटे और नए राज्य होने के बावजूद उत्तराखंड ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए और उसका सफलतापूर्वक अनुपालन भी सुनिश्चित किया।

इस पूरे वर्ष सफलता की राह पर जब-जब उत्तराखंड के कदम आगे बढे़, तब-तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वाे वक्व्य याद आया, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह दशक उत्तराखंड का होगा। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इस वर्ष के आरंभ में पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा और 27 जनवरी 2025 को समान नागरिक संहिता को राज्य में लागू कर दिया। स्वतंत्र भारत में ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। समानता की जिस मूल भावना को भारतीय संविधान अपने में समेटे हुए है, उसे कानून बनाकर लागू करने का काम असाधारण रहा। इस कानून के लिए पूरी कसरत सरकार ने पिछले वर्ष कर ली थी, लेकिन इसे लागू इस वर्ष किया गया। इसके बाद, उत्तराखंड में विवाह, तलाक, विरासत और गोद लेने जैसे व्यक्तिगत मामलों में सभी धर्मों के नागरिकों के लिए एक समान कानून स्थापित हो गया है।

धामी सरकार ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए लिव इन रिलेशनशिप जैसे संवेदनशील विषय को भी छुआ और इसके लिए पंजीकरण की व्यवस्था को अनिवार्य बना दिया है।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लागू होने के दूरगामी परिणाम आने तय माने जा रहे हैं। जम्मूू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी सरकार एक देश एक कानून का ठोस संदेश पहले ही दे चुकी है। उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद देश के अन्य राज्यों में भी इसके लिए राह खुल गई है। कह सकते है कि समान नागरिक संहिता लागू करके उत्तराखंड एक माॅडल स्टेट के रूप में सामने आया है, जिसका अनुसरण करते हुए अन्य राज्य भी इस दिशा में आगे बढे़ंगे।

उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के बहाने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खिलाड़ियाें ने खेल भावना का परिचय दिया। उत्तराखंड के लिए यह पहला मौका था, जब इतने बडे़ स्तर की किसी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता को आयोजन किया गया। उत्तराखंड ने न सिर्फ इस चुनौती को स्वीकारा, बल्कि मैदान के बाहर और भीतर दोनों जगह शानदार प्रदर्शन किया। इस आयोजन के लिए खेलों के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करके उत्तराखंड ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाएं जोड़ी और दस हजार से ज्यादा खिलाड़ियों के लिए हर तरह की व्यवस्था की। सफल आयोजन की प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सराहना भी की। इससे हटकर खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियाें के प्रदर्शन की बात करें, तो वह भी असाधारण रहा। पहली बार उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों की पतक तालिका में सातवां स्थान प्राप्त किया।

इसके अलावा, उसने पदकों का सैकड़ा भी पहली बार जड़ा और कुल 103 पदक जीते। 28 जनवरी 2025 से 14 फरवरी 2025 तक यह राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुद्रपुर सहित विभिन्न शहरों में आयोजित किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / विपिन बनियाल

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