डीआरआई देश की आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद कर रहा : पंकज चौधरी

युगवार्ता    04-Dec-2025
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डीआरआई के 68वें स्थापना दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते पंकज चौधरी


कहा- आर्थिक सुरक्षा, राजस्व संरक्षण और कर प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में डीआरआई की भूमिका अतुलनीय

नई दिल्‍ली, 04 दिसंबर (हि.स)। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने गुरुवार को कहा कि देश की आर्थिक सुरक्षा, राजस्व संरक्षण और कर प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में डीआरआई की भूमिका अतुलनीय है। चौधरी ने कहा कि स्मगलिंग, कर-चोरी और अवैध व्यापार पर कठोर कार्रवाई करते हुए डीआआई न केवल राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देता है बल्कि ईमानदार करदाताओं के हितों की रक्षा भी करता है।

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने नई दिल्ली स्थित मुख्यालय में राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) के 68वें स्थापना दिवस के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्‍होंने कहा क‍ि एक सशक्त, सुरक्षित और पारदर्शी टैक्स तंत्र ही विकसित भारत के निर्माण की मजबूत नींव है। डीआरआई के हमारे अधिकारी इसी संकल्प के साथ राष्ट्रसेवा में निरंतर अग्रसर हैं।

इस अवसर पर अपने संबोधन में वित्त राज्य मंत्री ने 1957 में अपनी स्थापना के बाद से भारत की आर्थिक सीमाओं और व्यापारिक बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए डीआरआई की दृढ़ प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों, तकनीकी परिवर्तनों और संगठित अंतरराष्ट्रीय अपराध नेटवर्क के उद्भव से निपटने और हर मोर्चे पर दृढ़ता, समर्पण और दक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए डीआरआई की सराहना की।

पंकज चौधरी ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि सरकार का प्रयास यह सुनिश्चित करना है कि ईमानदार करदाता सम्मान के साथ व्यापार कर सकें और भारत की भूमि, जलमार्ग या वायुमार्ग का उपयोग अवैध व्यापार के लिए असंभव, जोखिम भरा और निरर्थक हो जाए। वहीं, स्थापना दिवस समारोह के एक भाग के रूप में प्रवर्तन और खुफिया अभियानों में असाधारण योगदान के लिए डीआरआई अधिकारियों को सराहनीय सेवा और उत्कृष्टता के लिए महानिदेशक के प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किए।

वित्‍त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि इसके अलावा डीआरआई ने भारत में तस्करी रिपोर्ट 2024-25 भी जारी की, जो इसका वार्षिक प्रमुख प्रकाशन है, जिसमें अवैध व्यापार के रुझान, प्रमुख प्रवर्तन उपलब्धियां, उभरती चुनौतियां और नीतिगत सिफारिशें शामिल हैं। इस समारोह में 10 वीं क्षेत्रीय सीमा शुल्क प्रवर्तन बैठक (आरसीईएम) में भाग लेने वाले 15 देशों के 30 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जो अंतरराष्ट्रीय तस्करी से निपटने में भारत और वैश्विक प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बढ़ती साझेदारी को दर्शाता है। उनकी उपस्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा शुल्क सहयोग में एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में डीआरआई की भूमिका को रेखांकित किया।

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में, डीआरआई के महानिदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव ने उच्चतम नैतिक मानकों और परिचालन उत्कृष्टता को बनाए रखने के लिए डीआरआई की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने तस्करी गिरोहों का भंडाफोड़ करने और तस्करी से उत्पन्न अवैध धन के प्रवाह को रोकने के लिए डीआरआई के अथक प्रयासों पर प्रकाश डाला, जिसका अन्यथा राष्ट्र-विरोधी समूहों और अन्य गैर-सरकारी तत्वों द्वारा राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल गतिविधियों के लिए उपयोग किया जा सकता था, जिससे सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों को खतरा हो सकता था।

इस अवसर पर सीबीआईसी के अध्यक्ष विवेक चतुर्वेदी, सीबीआईसी के सदस्य एम.के. सिंह और योगेन्द्र गर्ग, डीआरआई के महानिदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव के अलावा सीबीआईसी और अन्य भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सेवानिवृत्त और सेवारत वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

डीआरआई भारत की सीमाओं की रक्षा करने, आर्थिक हितों की रक्षा करने तथा राष्ट्र की सेवा के अपने 69वें वर्ष में प्रवेश करते हुए, अखंडता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के अपने मिशन की पुनः पुष्टि करता है। यह केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अंतर्गत भारत की सर्वोच्च तस्करी रोधी खुफिया एवं प्रवर्तन एजेंसी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

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