

मप्र ने दी देश को नई दिशा, सरकारी भर्ती अब पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी हुई भोपाल, 05 दिसंबर (हि.स.)। देश में पहली बार ऑनलाइन पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया का इतिहास मप्र ने बनाया है। प्रदेश में सुशासन और पारदर्शिता का एक ऐसा उदाहरण सामने आया है, जिसने न सिर्फ राज्य को एक नई दिशा दी है बल्कि कहना चाहिए कि पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है।
मध्य प्रदेश में पहली बार राज्य में सरकारी नियुक्ति पूरी तरह ऑनलाइन पारदर्शी पद्धति से की गई है और इस ऐतिहासिक पहल का केंद्र बना है मध्य प्रदेश विधानसभा का सभाकक्ष। यहां से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नवचयनित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को नियुक्ति पत्र वितरित कर एक नई परंपरा की शुरुआत की।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमन्त्री ने कहा कि प्रशासन की सबसे निचली पायदान ग्राम स्तर पर काम करने वाली बहनों को सबसे ऊँचे लोकतांत्रिक मंच विधानसभा से नियुक्ति पत्र देना एक अद्वितीय और प्रेरक क्षण है। उन्होंने इसे इतिहास बनाने वाला अवसर बताया। मुख्यमंत्री ने सभी चयनित कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे कुपोषण के खिलाफ एकजुट होकर काम करें और यशोदा मैया की तरह हर बच्चे को शिक्षा, संस्कार और सुरक्षा दें। नवचयनित कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने विधानसभा की कार्यवाही को भी प्रत्यक्ष रूप से देखा जो उनके लिए एक नया अनुभव रहा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने नियुक्त हुए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और ऑनलाइन पारदर्शी प्रक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार की सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है। कार्यक्रम में मंत्री निर्मला भूरिया, पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई और प्रमुख सचिव जीवी रश्मि भी मौजूद रहे। पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस ने सभी नवचयनित कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को कर्तव्यनिष्ठ रहने की शपथ दिलाई।
मंत्री निर्मला भूरिया ने कहा कि इस पारदर्शी चयन प्रक्रिया ने यह साबित कर दिया है कि अब मेरिट ही सबसे बड़ा आधार है। प्रदेशभर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लगभग 19,250 पदों के लिए करीब चार लाख आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से लगभग 12,075 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और सभी को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं। सबसे खास बात यह है कि पूरे देश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में बरती जाने वाली सरकारी नियुक्तियाँ ऑनलाइन माध्यम से की गईं, जहाँ दस्तावेज गुम होने या छूटने की आशंका पूरी तरह समाप्त हो गई है। दावा, आपत्ति और अपील की व्यवस्था जोड़कर प्रक्रिया को और अधिक न्यायसंगत और भरोसेमंद बनाया गया है।
मंत्री निर्मला भूरिया का कहना रहा कि इस डिजिटल पद्धति के कारण अब चयन पूरी तरह शत–प्रतिशत मेरिट के आधार पर संभव हुआ है। यही नहीं नियुक्ति मिलने के बाद अब इन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मानदेय के रूप में हर महीने लगभग 14 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिससे उनके आर्थिक सुदृढ़ीकरण का भी मार्ग प्रशस्त होगा। कार्यक्रम के अंत में चयनित कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया और प्रदेश में इस पारदर्शी प्रक्रिया शुरू करने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया।
उल्लेखनीय है कि मप्र सरकार का ये नवाचार सुशासन और डिजिटल पारदर्शिता के क्षेत्र में मध्य प्रदेश को नई पहचान भी दिलाने में कारगर सिद्ध होगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी