
मुंबई, 8 दिसंबर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी महासंघ (एफईआई) के चिल्ड्रन क्लासिक – सिल्वर टूर में टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक अपने नाम किया। ज़ोन-9 के देशों के सवारों के बीच हुए इस मुकाबले में भारतीय टीम शीर्ष स्थान पर रही।
भारतीय टीम में स्टेस्या पांड्या, श्रेष्ठ मंटेना, हर्षवर्धन सिंह गुलिया और पृथ्वीव कृष्णा शामिल थे। सभी खिलाड़ियों ने संतुलित और सटीक राइडिंग का प्रदर्शन करते हुए संयुक्त रूप से टीम को स्वर्ण पदक दिलाया।
एमेच्योर राइडर्स क्लब (एआरसी) की सवार स्टेस्या पांड्या ने अपने घोड़े कूगर पर सवारी करते हुए टीम की जीत में अहम योगदान दिया। उनका प्रदर्शन नियंत्रित, तकनीकी रूप से मजबूत और आत्मविश्वास से भरा रहा। इस उपलब्धि के बाद स्टेस्या की एफईआई जंपिंग चिल्ड्रन क्लासिक्स 2025 फाइनल (सिल्वर टूर) की ओवरऑल व्यक्तिगत रैंकिंग में 12वां स्थान हो गया है।
एफईआई चिल्ड्रन क्लासिक को युवा सवारों के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण मंच माना जाता है, जहां उन्हें वैश्विक मानकों के अनुरूप शो जंपिंग का अनुभव मिलता है।
अपनी उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टेस्या पांड्या ने कहा,
“यह खिताब जीतकर मैं बेहद खुश हूं, लेकिन इससे भी अधिक खुशी इस बात की है कि भारत को वैश्विक मंच पर पहचान मिल रही है। इक्वेस्ट्रियन खेल तेजी से बढ़ रहा है और भारतीय सवारों को अंतरराष्ट्रीय सफलता के लगातार अवसर मिल रहे हैं। एआरसी के विश्वस्तरीय ऑल-वेदर एरीना में प्रशिक्षण का अवसर मेरे लिए बेहद लाभकारी रहा है, जिसने मुझे देश और विदेश में उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया।”
स्टेस्या का प्रदर्शन एक बार फिर यह दर्शाता है कि एआरसी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
1942 में स्थापित एमेच्योर राइडर्स क्लब (एआरसी), मुंबई के महालक्ष्मी रेसकोर्स स्थित भारत के सबसे पुराने और बड़े निजी नागरिक घुड़सवारी क्लबों में से एक है। क्लब में पोलो, शो जंपिंग और ड्रेसेज सहित घुड़सवारी खेलों की सभी विधाओं में पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाता है। एआरसी में करीब 150 घोड़े हैं और यह पिछले 75 वर्षों से अधिक समय से इक्वेस्ट्रियन खेल के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील दुबे