कांगो के राष्ट्रपति ने रवांडा पर शांति समझौते के उल्लंघन का लगाया आरोप

09 Dec 2025 00:30:01

किंशासा, 08 दिसंबर (हि.स.)। कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (डीआरसी) के राष्ट्रपति फेलिक्स त्शिसेकेदी ने सोमवार को रवांडा पर हाल ही में हुए शांति समझौते का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है। यह आरोप ऐसे समय में सामने आया है जब कुछ ही दिन पहले त्शिसेकेदी ने वॉशिंगटन में एक समारोह में भाग लेकर उन समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे, जिनका उद्देश्य कांगो के खनिज-समृद्ध पूर्वी क्षेत्र में चल रहे वर्षों पुराने संघर्ष को समाप्त करना था।

राष्ट्रपति ने यह बयान संसद को संबोधित करते हुए दिया। रवांडा की ओर से इस पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

एम23 की बढ़ती गतिविधियों ने बढ़ाई तनावपूर्ण स्थिति

अमेरिका और कतर की मध्यस्थता में पिछले महीनों में कांगो, रवांडा और एम23 विद्रोही गुट के बीच कई शांति समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बावजूद क्षेत्र में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है।

सप्ताहांत में रवांडा समर्थित बताए जा रहे एम23 विद्रोहियों ने बुरुंडी सीमा के पास स्थित लुवुंगी गांव पर कब्जा कर लिया। दो स्थानीय निवासियों ने स्थानीय मीडिय से इसकी पुष्टि की और विद्रोहियों की बैठक का एक वीडियो भी साझा किया। हालांकि, रवांडा इन विद्रोहियों को समर्थन देने से लगातार इनकार करता रहा है।

36 लोगों की मौत, स्थिति और बिगड़ने की आशंका

स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, लुवुंगी से पीछे हटते कुछ कांगोली सैनिकों की पास के शहर सांगे में स्थानीय वाज़ालेंदो रक्षा बलों के साथ झड़प हो गई। रविवार को सांगे में बमबारी या ग्रेनेड हमले की रिपोर्ट मिली, जिसमें कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई।

एक नागरिक संगठन द्वारा साझा की गई तस्वीरों में रंगीन गैर-सैन्य कपड़ों में खून से लथपथ कई शव दिखे। इनमें दो बच्चे भी शामिल बताए गए। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हमला किस पक्ष ने किया और किस प्रकार के हथियार का इस्तेमाल हुआ।

कांगो की सेना और एम23 दोनों ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है।

समझौते के बावजूद बढ़ रहा अविश्वास

पिछले सप्ताह दोनों देशों कांगो और रवांडा ने जून में किए गए अमेरिका-समर्थित शांति समझौते को दोहराया था और वॉशिंगटन में नए समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए थे। इसके बावजूद ताजा घटनाओं ने क्षेत्र में स्थिरता लाने के प्रयासों पर प्रश्नचिह्न खड़े कर दिए हैं।

पूर्वी कांगो में लंबे समय से जारी संघर्ष और ताजा हिंसा से यह स्पष्ट है कि शांति प्रक्रिया अब भी बेहद नाजुक स्थिति में है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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