आईआईटी खड़गपुर के प्लैटिनम जुबिली वर्ष में फाइनलिस्टों से राज्य मंत्री ने की बातचीत

09 Dec 2025 20:00:01
आईआईटी खड़गपुर में एसआईएच–2025 ग्रैंड फ़िनाले के दौरान शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार फाइनलिस्ट प्रतिभागियों से संवाद करते हुए।


आईआईटी खड़गपुर में एसआईएच–2025 ग्रैंड फ़िनाले


आईआईटी खड़गपुर में एसआईएच–2025 ग्रैंड फ़िनाले


आईआईटी खड़गपुर में एसआईएच–2025 ग्रैंड फ़िनाले


खड़गपुर, 09 दिसंबर (हि. स.)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) खड़गपुर अपने प्लैटिनम जुबिली वर्ष के अवसर पर इस समय नवाचार और तकनीकी सृजनशीलता के एक ऐतिहासिक चरण से गुजर रहा है। इसी कड़ी में स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (एसआईएच) 2025 हार्डवेयर संस्करण के ग्रैंड फिनाले के दूसरे दिन संस्थान ने देशभर से पहुंचे फाइनलिस्टों के साथ एक विशेष संवाद सत्र का आयोजन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रेरक वीडियो संदेश से हुई, जिसमें उन्होंने युवा प्रतिभाओं को निर्भीक होकर सोचने, उत्साहपूर्वक कार्य करने और प्रौद्योगिकी आधारित समाधानों के माध्यम से भारत के विकास में योगदान देने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री के संदेश ने सत्र के लिए उत्साह और सकारात्मकता का माहौल तैयार किया।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने आईआईटी खड़गपुर में उपस्थित सभी फाइनलिस्टों को संबोधित किया और उनके साथ प्रत्यक्ष संवाद किया। डॉ. मजूमदार ने फाइनलिस्टों से उनके प्रोजेक्ट्स, उनके विचारों की उत्पत्ति और उन चुनौतियों पर चर्चा की, जिनके समाधान के लिए वे विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों के साथ कार्य कर रहे हैं।

यह संवाद संस्थान के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि आईआईटी खड़गपुर इस वर्ष अपनी 75 वर्ष की उत्कृष्ट शैक्षिक और तकनीकी विरासत का उत्सव मना रहा है। छात्रों ने मंत्री के समक्ष अपनी नवाचार यात्रा साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार एसआईएच ने उन्हें वास्तविक समस्याओं पर समाधान विकसित करने का अवसर प्रदान किया।

डॉ. मजूमदार ने युवा नवप्रवर्तकों को बड़े सपने देखने, अपने प्रोटोटाइप को और परिष्कृत करने तथा नवाचार की उस राष्ट्रीय भावना को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया, जिसे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन देशभर में प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की तकनीकी प्रगति में युवा मस्तिष्कों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और आईआईटी ड़गपुर इस दिशा में एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है।

प्लैटिनम जुबिली वर्ष में इस संवाद सत्र की मेजबानी ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि आईआईटी खड़गपुर न केवल अकादमिक उत्कृष्टता का केंद्र है, बल्कि वह स्थान भी है जहां नए विचार जन्म लेते हैं और भारत के वैज्ञानिक एवं तकनीकी भविष्य की नींव रखी जाती है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अभिमन्यु गुप्ता

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