मानवता जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी चुनौतियों से घिरी, एकजुटता जरूरी: रामसुब्रमण्यन

09 Dec 2025 17:12:01
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन


नई दिल्ली, 9 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन ने कहा कि मानवता जलवायु परिवर्तन, पर्यावरणीय क्षरण, संघर्ष और आतंकवाद जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, जिनसे निपटने के लिए सीमाओं और पीढ़ियों से परे एकजुटता आवश्यक है।

न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यन ने अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस से एक दिन पहले देश के नाम अपने संदेश में कहा कि मानव अधिकार हमारे रोजमर्रा के जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं हैं, जो हमें स्वतंत्र रूप से बोलने, गरिमा के साथ जीने और बिना भय के सपने देखने की आजादी देता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे मानव अधिकारों के लिए खड़े हों। एनएचआरसी तीन दशकों से अधिक समय से देश में मानवाधिकारों की रक्षा, कमजोर वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा और वैश्विक मंचों पर उनके प्रचार में सक्रिय है। आयोग संविधान और मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के मूल्यों से प्रेरित होकर हर व्यक्ति की गरिमा और समानता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो 1948 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (यूडीएचआर) को अपनाए जाने की स्मृति में है। भारत ने इस घोषणा के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसमें गरिमा, न्याय और समानता जैसे मूल्यों को शामिल किया, जो हमारी सभ्यता और दर्शनशास्त्र में गहराई से निहित हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर

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