भारत के सिपाही कभी डरते नहीं, घर पहुंच कर बोले बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव

युगवार्ता    23-May-2025
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हुगली, 23 मई (हि.स.)। लगभग 20 दिनों तक पाकिस्तान की हिरासत में रहने के बाद शुक्रवार को बीएसएफ के जवान पूर्णम कुमार साव की घर वापसी हुई। इस दौरान हुगली जिले के रिषड़ा इलाका जश्न में डूबा दिखा। शुक्रवार की शाम जैसे ही पूर्णम अपने घर लौटे, इलाके में ‘संदेशे आते हैं’ की धुन गूंज उठी और पूरा मोहल्ला उत्सव में शामिल हो गया।

24वीं बटालियन में तैनात कांस्टेबल पूर्णम कुमार साव‌ बीते 23 अप्रैल को पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में ड्यूटी के दौरान गलती से सीमा पार कर पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। वहां उन्हें पाकिस्तानी रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया और लगभग तीन सप्ताह तक उन्हें हिरासत में रखा गया। 14 मई को राजनयिक प्रयासों के बाद पाकिस्तान ने उन्हें अटारी-वाघा बॉर्डर पर भारत को सौंप दिया।

रिहाई के बाद दिल्ली में मेडिकल परीक्षण कराने के बाद वह शुक्रवार को पठानकोट से पूर्वा एक्सप्रेस के जरिए हावड़ा स्टेशन पहुंचे। स्टेशन पर उनके पिता भोलानाथ साव के सात जनप्रतिनिधि और अन्य स्थानीय लोग उनका स्वागत करने पहुंचे थे। पिता ने जैसे ही बेटे को देखा, गले लगाकर भावुक हो उठे। फूलों की माला पहनाकर जवान का अभिनंदन किया गया।

घर लौटने से पहले पूर्णम ने लिलुआ के एक मिठाई की दुकान में रुककर अपनी पसंदीदा मिठाई का स्वाद लिया। उन्होंने कहा, “आप सबके आशीर्वाद से आज वापस लौट पाया हूं।” उन्होंने पाकिस्तान में रहते समय परिवार और बेटे की याद में भावुक होने की बात भी कही। हालांकि पाकिस्तान में डर के माहौल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत के सिपाही कभी नहीं डरते।

रिषड़ा के बागखाल इलाके में पूर्णम के स्वागत के लिए विशेष रूप से एक हूडखुली गाड़ी की व्यवस्था की गई थी, जिसमें बैठाकर उन्हें उनके घर तक ले जाया गया। पूरे मोहल्ले में सजावट की गई थी और साउ परिवार ने भोज का आयोजन किया था, जिसमें लुची, सब्जी, मिठाई और केक शामिल था। घर लौटते ही परिवार के सदस्यों की आंखें खुशी से छलक उठीं।

उल्लेखनीय है कि पूर्णम की सीमा पार की यह घटना ऐसे समय में हुई जब कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। इसके अगले ही दिन पूर्णम सीमा ड्यूटी के दौरान पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। हालांकि, बाद में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसके बाद उनके वापसी की उम्मीद छिण हो गई थी। लेकिन सीज फायर के बाद भारत के कूटनीतिक प्रयासों से वह सकुशल स्वदेश लौटे। पाकिस्तानी हिरासत से सकुशल घर लौटना, न केवल उनके परिवार के लिए राहत की बात है, बल्कि पूरे इलाके के लिए गर्व का विषय बन गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय

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