खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 के दौरान डोपिंग रोधी जागरुकता केंद्र बना दीव

युगवार्ता    23-May-2025
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- नाडा के डॉक्टर और वालंटियर्स पैंपलेट के जरिए खिलाड़ियों को कर रहे जागरूक

दीव, 22 मई (हि.स.)। दीव में 19 मई से शुरू हुए खेलो इंडिया बीच गेम्स 2025 (केआईबीजी) के दौरान भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) अपने काम को प्रभावी रूप से अंजाम दे रही है। नाडा की प्रमुख डोप नियंत्रण अधिकारी डॉ. उषा सुभाष निकुंभ अपने स्वयंसेवकों की टीम के साथ एथलीट्स के बीच डोपिंग के खिलाफ जागरूकता फैला रही हैं। शुक्रवार को वे हर खेल स्थल पर पहुंचीं और वहां पर उपस्थित खिलाड़ियों को हिंदी और अंग्रेजी में रंगीन जानकारीपूर्ण पर्चे वितरित किए, जिनमें डोपिंग से बचने के तरीके और नियमों की जानकारी दी गई थी।

डॉ. निकुंभ ने (भारतीय खेल प्राधिकरण) साई मीडिया को बताया कि उन्होंने यह पहल 2018 में शुरू की थी। इस अभियान का उद्देश्य एथलीट्स को यह बताना है कि वे स्वच्छ तरीके से कैसे प्रतिस्पर्धा करें और किन बातों का ध्यान रखें ताकि वे अनजाने में भी किसी डोपिंग उल्लंघन के शिकार न हों।

उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रीय चैंपियनशिप, अकादमियों, संस्थानों और हाल ही में संपन्न हुए बिहार के खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भी इस तरह की जागरूकता गतिविधियों के साथ मौजूद थीं। उनके अनुसार, इस कार्यक्रम की वजह से अब खिलाड़ियों में पहले की तुलना में अधिक जागरूकता है और डोपिंग उल्लंघनों के मामले भी घटे हैं।

डॉ. उषा और उनकी टीम ने चार अलग-अलग तरह के पर्चे बांटे। एक पर्चे का नाम “ऑल अबाउट वेयरअबाउट्स” था, जिसमें रजिस्टर्ड टेस्टिंग पूल (आटीपी) में शामिल खिलाड़ियों को अपनी दैनिक गतिविधियों की जानकारी, ठहरने का स्थान, संपर्क विवरण और एक तय समय स्लॉट बताना जरूरी होता है ताकि जरूरत पड़ने पर उनका डोप परीक्षण किया जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा

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