नई दिल्ली, 4 मई (हि.स.)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में देश की पहली जीनोम संपादित चावल की दो किस्मों को जारी किया। भारत इस क्षेत्र में दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने ऐसी किस्में विकसित की हैं।
कार्यक्रम में आईसीएआर के वैज्ञानिकों और बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। मंत्री ने वैज्ञानिकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित भी किया।
डीआरआर धान 100 (कमला) और पूसा डीएसटी राइस 1 नामक इन किस्मों को जीनोम एडिटिंग तकनीक से विकसित किया गया है। इनसे 19 प्रतिशत तक उत्पादन बढ़ सकता है। साथ ही सिंचाई जल की बड़ी मात्रा में बचत होगी और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन भी घटेगा।
कमला किस्म जल्दी पकती है और मजबूत तनों के कारण गिरती नहीं। पूसा डीएसटी राइस 1 खारे और क्षारीय मिट्टी में भी अच्छी उपज देती है। दोनों किस्में भारत के विभिन्न राज्यों के लिए उपयुक्त हैं।
शिवराज सिंह ने कहा कि यह एक स्वर्णिम अवसर है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कृषि अनुसंधान की ऐतिहासिक उपलब्धि बताया। उन्होंने किसानों से आधुनिक तकनीक अपनाने का आह्वान किया और कहा कि वैज्ञानिकों और किसानों के संयुक्त प्रयास से देश को फूड बास्केट बनाया जा सकता है।
सरकार ने बजट 2023-24 में जीनोम एडिटिंग अनुसंधान के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। यह कदम टिकाऊ कृषि और खाद्य सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा